डीएनए हिन्दी: एक तरफ यूक्रेन-रूस युद्ध का दायरा बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है तो वहीं ताइवान के मुद्दे पर चीन और अमेरिका के बीच टकराव बढ़ने की आशंका गहराती जा रही है. सोमवार को क्वॉड समिट में भाग लेने जापान पहुंचे अमेरिकी प्रेजिडेंट जो बाइडेन (President Joe Biden ) ने साफ लहजे में चीन को चेतावनी दी. वहीं बाइडेन के बयान को चीन (China) ने भी गंभीरता से लिया. चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने कहा कि कोई हमें हल्के में न ले.
ताइवान (Taiwan) के मुद्दे पर अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से टकराव देखने को मिल रही है. सोमवार को जापान में अमेरिकी प्रेजिडेंट जो बाइडेन ने सख्त लहजे में कहा कि अगर चीन जबरन ताइवान पर कब्जे की कोशिश करता है तो अमेरिका चीन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करेगा. उन्होंने कहा कि ताइवान की रक्षा करना हमारी प्रतिबद्धता है.
हमें हल्के में कोई न ले: चीन
बाइडेन के इसी बयान के बाद अब चीन की प्रतिक्रिया आई है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि हमारी संप्रभुता और अखंडता से जुड़े मुद्दों पर चीन के पास समझौते की कोई गुंजाइश नहीं है. किसी को भी चीनी नागरिक के इच्छाशक्ति को कम नहीं आंकना चाहिए.
"On issues related to China's sovereignty & territorial integrity, China has no room for compromise. No one should underestimate the determination of Chinese people," Chinese FM said, expressing strong dissatisfaction in response to Biden's remarks on #Taiwan question. pic.twitter.com/QgSP1l53SV
— Global Times (@globaltimesnews) May 23, 2022
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हम ताइवान पर कब्जा नहीं करने देंगे: बाइडेन
इसके पहले टोक्यो में बाइडेन कहा कि हम ताइवान में शांति और स्थिरता के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने मित्र देशों के साथ मजबूती से खड़े हैं. अमेरिका यह सुनिश्चित करेगा कि चीन ताइवान पर कब्जा न करे.
...in the 21st century by improving security & trust in the digital economy, protecting workers, strengthening supply chain and tackling corruption that robs nations of their ability to serve their citizens: US President Joe Biden, in Tokyo, Japan (2/2) pic.twitter.com/i5xPfdIFvv
— ANI (@ANI) May 23, 2022
गौरतलब है कि चीन और ताइवान के रिश्ते लंबे समय से अच्छे नहीं हैं. चीन शुरू से ही ताइवान को अपना महत्वपूर्ण हिस्सा बताता रहा है. लेकिन, ताइवान का हमेशा यह दावा रहा है कि वह एक संप्रभु राष्ट्र है. चीन के विरोध के बावजूद भारत और अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देशों ने ताइवान को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे रखा है.
ध्यान रहे कि जापान के टोक्यो में क्वॉड सम्मेलन होने जा रहा है. इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी प्रेजिडेंट जो बाइडेन, अस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज जापान पहुंच चुके हैं. जापानी पीएम फुमियो किशिदा के साथ मिलकर कई मुद्दों पर ये राष्ट्राध्यक्ष बात करेंगे.
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ताइवान पर चीन का पलटवार, कहा- किसी की दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं