'सुनो द्रौपदी, शस्त्र उठा लो' विनेश फोगाट ने किसके खिलाफ कविता के जरिए भरी हुंकार?

विनेश फोगाट ने कविता के जरिए यह साफ कर दिया है कि अब पहलवानों को अपने हक की लड़ाई खुद ही लड़नी पड़ेगी.