Writer’s Craving: उदास शहर की बातें

लिखना जैसे छूट रहा है,अब सब कुछ लिखना जैसे एक खानापूर्ति हो,जैसे बन्द पड़े मशीन में कोई कारीगर आदतानुसार तेल डाल रहा हो.