दुनिया को बुरा कहने से पहले एक बार आईने में देखना…

ज़रूरी नहीं कि जो सम्वेदनशीलता और अपनापे का व्यवहार कर रहा हो वह ठीक वैसा हो ही. हो सकता है ऐसा दिखना उसकी मजबूरी हो...