Video-Karauli Sarkar: डॉक्टर की नाक तोड़ने के बाद चर्चा में आए, कौन हैं Karauli Sarkar Baba?

UP के Kanpur में Karauli Sarkar बाबा नाम से मशहूर संतोष सिंह भदौरिया और उनके बाउंसरों पर नोएडा के एक डॉक्टर ने मारपीट के आरोप लगाए हैं. डॉक्टर ने बाबा के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.

Video: Karauli Sarkar-करौली बाबा का Jail से लेकर राजनीति तक का अनोखा सफर

बाबा संतोष सिंह भदौरिया का रहा है पुराना और लंबा आपराधिक इतिहास. एक हत्या के मामले में आया था बाबा का नाम. क्या था वो मामला जानने के लिए देखें पूरा इंटरव्यू.

Video: Karauli Sarkar- Kanpur के Dr. Santosh Singh Bhadoriya कैसे बन गए Youtuber Baba?

UP के Kanpur में Karauli Sarkar बाबा नाम से मशहूर संतोष सिंह भदौरिया और उनके बाउंसरों पर नोएडा के एक डॉक्टर ने मारपीट के आरोप लगाए हैं. डॉक्टर ने बाबा के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.

Video-अचानक युवक को आया Heart Attack, पास खड़े शख्स ने कैसे बचाई जान

युवाओं में साइलेंट किलर यानि (दिल का दौरा) पड़ने की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. उत्तर प्रदेश के हापुड़ में जनसुविधा केन्द्र पर अपना आधार कार्ड लेने आए एक युवक को खड़े-खड़े हार्ट अटैक आ गया. गनीमत रही कि वहां मौजूद एक शख्स ने युवक को तुरंत बेंच पर लेटाकर सीपीआर देना शुरू कर दिया. सीपीआर देने के बाद युवक होश में आ गया, जिसके बाद उसे पास के ही निजी अस्पताल ले जाया गया. जानकारी के मुताबिक हापुड़ में मेरठ रोड पर आदर्श नगर कालौनी के पास अरविंद कुमार का जनसेवा केन्द्र है. जहां अमूल कुमार नाम का युवक अपना आधार कार्ड लेने के लिए आया था, इसी दौरान उसे हार्ट अटैक आया. तभी वहां बैठे विकास दयाल नाम के युवक ने उसे को पकड़ लिया और उसे बेंच पर लिटाकर सीपीआर देना शुरू कर दिया. विकास ने बताया कि उसने सीपीआर देना सोशल मीडिया से सीखा है.

Video: Holi 2023: UP के शाहजहांपुर में खेलते हैं जूतामार होली, जानें क्यों खेलते हैं ये अनोखी होली?

उत्तर प्रदेश में फूलों की होली, लठमार होली तो आपने सुनी ही होगी, लेकिन क्या कभी आपने जूतेमार होली सुनी है. नहीं सुनी तो चलिए हम आपको इसके बारे में बता देते हैं. दरअसल यूपी के शाहजहांपुर में जूतामार होली खेली जाती है. इस होली में एक व्यक्ति को लाट साहब बनाकर उसे भैंसा गाड़ी पर बैठाया जाता है. फिर उसे जूते और झाड़ू मारकर पूरे शहर में घुमाया जाता है. इस दौरान आम लोग भी अपने घरों से लॉट साहब को जूते फेंककर मारते हैं. वहीं, जब लाटसाहब का जुलूस चौक कोतवाली पहुंचता है तो कोतवाल लाटसाहब को सलामी देते हैं.