Lunar Eclipse Effects: राहु चंद्रमा पर लगाएगा ग्रहण तो 6 महीने तक रहेगा बुरा समय, जानें किसे रहना होगा सतर्क?

किसी भी ग्रहण का प्रभाव 6 महीने तक रहता है. राशि के आधार पर इसका प्रभाव 6 महीने तक रहता है लेकिन यदि इन 6 महीनों के भीतर दूसरा ग्रहण पड़ता है तो पहले ग्रहण का प्रभाव समाप्त हो जाता है.

Chandrayaan-3 Latest News: मिट सकता है चांद पर विक्रम लैंडर का नामोनिशान, जानिए क्या है कारण

Chandrayaan-3 Latest Updates: इसरो ने 23 अगस्त को चंद्रयान के लैंडर विक्रम को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारकर इतिहास रचा था. अब विक्रम और उसका रोवर प्रज्ञान हमेशा के लिए सो चुके हैं.

Chandrayaan-3: चांद पर कूद गया था विक्रम लैंडर, ISRO के लिए खुशखबरी, जानिए क्यों

चंद्रयान-3 में विक्रम लैंडर ने एक जगह जंप किया था. यह पहले से फिक्स प्रोग्राम नहीं था, यह रैंडम प्लान किया गया था. आने वाले दिनों में स्पेस मिशन में यह प्रयोग किया जा सकता है.

Chandrayaan 3 Landing: चंद्रयान-3 अब अगले 14 दिनों तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर क्या करेगा?

भारत के चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने 23 अगस्त की शाम को चांद की धरती पर अपने चंद्रयान ने चांद की धरती पर चारों कदम मजबूती से जमा दिए. इसी के साथ चंद्रयान-3 अभियान इतिहास रच चुका है. भारत चांद की धरती पर अपनी मौजूदगी रखने वाला दुनिया का महज चौथा देश बन गया है. लेकिन चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग कराना इतना आसान नहीं था. ऐसे में बताते हैं कि साउथ पोल पर उतरने का चंद्रयान-3 का क्या रिजन है? चंद्रमा के पोलर रीजन दूसरे रीजन्स से काफी अलग हैं. यहां कई हिस्से ऐसे हैं जहां सूरज की रोशनी कभी नहीं पहुंचती और तापमान -200 डिग्री सेल्सियस से नीचे तक चला जाता है.

Chandrayaan-3 -landing: जब चांद पर छपा अशोक स्तंभ और ISRO, प्रज्ञान रोवर ने क्या किया?

चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की सफल लैंडिंग के बाद अगला चरण शुरू हो गया है. अगले चरण में लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान बाहर आ चुका है. 14 दिनों तक काम करने वाला ये रोवर अब चांद की सतह पर घूम रहा है और इसने अपना काम शुरू कर दिया है. दरअसल लैंडर के अंदर मौजूद प्रज्ञान रोवर ने बाहर निकलकर अपना पहला कदम चांद की धरती पर रखा. इस कदम के साथ ही चांद की मिट्टी पर भारत का राजकीय चिह्न यानी अशोक स्तंभ छप गया. बता दें कि चांद पर रिसर्च वर्क करने के लिए भेजे गए प्रज्ञान रोवर को वहां की जमीन पर भारत की मौजूदगी दिखाने के लिए भी डिजाइन किया गया है. रोवर के छह पहिये हैं, जो चांद की धरती का डाटा प्रोवाइड कराने के लिए डिजाइन किया गया है. इन्हीं पहियों में सबसे पीछे वाले पहियों पर भारत का राजकीय चिह्न यानी अशोक स्तंभ और ISRO का LOGO गुदा हुआ है. इसके चलते प्रज्ञान रोवर चांद की धरती पर जहां भी घूमेगा, वहीं पर पीछे-पीछे ये निशान भी धरती पर बनते चले जाएंगे. चांद पर हवाएं नहीं चलती हैं. इसके चलते ये निशान मिटने की संभावना नहीं है यानी भारत की मौजूदगी हमेशा के लिए वहां छपकर रह जाएगी.

Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 की कामयाबी के पीछे किनका है दिमाग, मून मिशन के हीरो कौन?

ISRO का महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-3 सफल हो चुका है. 6 हफ्तों से दुनियाभर की नजरें विक्रम लैंडर, प्रज्ञान रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल पर टिकी हैं. इस मिशन को सफल बनाने वाले लोगों के बारे में आइए जानते हैं.

Chandrayaan 3 Landing Video: वीडियो के जरिए समझें चांद पर कैसे लैंड करेगा चंद्रयान-3?

Chandrayaan-3 Landing Video: चंद्रयान-3 चांद पर सफल लैंडिंग के लिए पूरी तरह से तैयार है. ऐसे में इस वीडियो के जरिए समझें कि जब चंद्रयान-3 चांद पर पहुंचेगा तो वो किस लैंड करेगा. बता दें कि चंद्रयान-3 चांद पर पहुंचने के बाद वहां 14 दिनों तक रिसर्च करेगा. इस मिशन को लेकर भारत समेत पूरी दुनिया की नजरें इसपर टिकी हुईं हैं. भारत को भी इस मिशन से काफी उम्मीदें हैं.

Chandrayaan 3 Landing: चांद से सिर्फ 25 किलोमीटर की दूरी पर चंद्रयान, अब रचेगा इतिहास

Chandrayaan 3 Landing: चांद और चंद्रयान के बीच दूरी अब सिर्फ 25 किमी की रह गई है. चांद की सतह से 25 किमी ऊपर चंद्रयान-3 चक्कर लगा रहा है और 23 अगस्त को शाम 6 बजकर चार मिनट पर सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा.

Chandryaan 3: कलाकार ने 4 ग्राम सोने से डिजाइन किया Chandrayaan 3 का 1.5 इंच लंबा मॉडल

Chandrayaan 3: कोयम्बटूर स्थित एक लघु कलाकार ने 4 ग्राम सोने का उपयोग करके Chandrayaan 3 का 1.5 इंच लंबा मॉडल डिजाइन किया है. चंद्रयान-3 का लूनर लैंडर विक्रम कल, 23 ​​अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए पूरी तरह तैयार है.