Neem Karoli Baba: कैंची धाम मंदिर ट्रस्ट ने जारी की आधिकारिक वेबसाइट, अब श्रद्धालुओं को मिलेगी सटीक जानकारी

उत्तराखंड के कैंची धाम मंदिर ट्रस्ट (Baba Neem karoli Kainchi Dham Trust) ने आधिकारियक वेबसाइट तैयार की है. जल्द ही ट्रस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर भी आईडी बनाएगी.

Neem Karoli Baba के दर्शन के लिए जा रहे हैं Kainchi Dham Ashram, जान लें बेस्ट टाइम और रूट से लेकर बजट तक

Kainchi Dham Ashram: आज आपको बाबा नीम करौली के कैंची धाम आश्रम में जाने के सही टाइम और रूट के बारे में बताने वाले हैं.

Neem Karoli Baba: कैंची धाम स्थापना दिवस पर सीएम उत्तराखंड धामी ने दिए दो अनूठे तोहफे, जानिए क्या घोषणा की

Kainchi Dham Sthapna Diwas: बाबा नीम करौली के कैंची धाम का 15 जून को स्थापना दिवस मनाया जाता है. गुरुवार को इस मौके पर 2 लाख से ज्यादा लोग नैनीताल के इस धाम में पहुंचे हैं. 

Kainchi Dham Mela: 15 जून से कैंची धाम में लगेगा भव्य मेला, नीम करोली बाबा का भोग तैयार करने मथुरा से पहुंचे 45 कारीगर

Kainchi Dham Mela: उत्तराखंड नैनीताल में स्थित कैंची धाम आश्रम की स्थापना 1964 में 15 जून को हुई थी. इस साल 15 जून को कैंची धाम आश्रम का 59वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा.

Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा के इस मंत्र का रोज करें जाप, घर बैठे दौड़ी चली आएगी सफलता

Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा के दर्शन के लिए कैंची धाम नहीं जा पा रहे हैं तो बाबा के इन मंत्रों के जाप से उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.

Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा किसी को भी नहीं छूने देते थे अपने पैर, यहां जानें क्या थी वजह

Neem Karoli Baba: नीम करोली बाबा के भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भक्त हैं. बाबा ने 15 जून 1964 को पहली बार कैंची धाम में हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की थी.

Bike Entry Ban: नैनीताल में पर्यटकों को बाइक से नहीं मिलेगी एंट्री, होटल बुकिंग से पहले जान लें शर्तें

पहाड़ों में घूमने वाले पर्यटकों के लिए जिला प्रशासन ने गाइडलाइंस जारी की है. इतना ही नहीं होटल बुकिंग के लिए भी कई शर्तें लगाई गई हैं.

कौन थे Neem Karoli Baba? दुनिया भर में हैं जिनके भक्त, PM मोदी से लेकर Mark Zuckerberg तक भक्तों में हैं शामिल

Neem Karoli Baba: बाबा आम आदमी की तरह ही जीवन व्यतीत करते थे. वह भक्तों को अपने पैर भी नहीं छूने देते थे. बाबा हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे.