भारत की स्पेस इकोनॉमी है 44 बिलियन डॉलर, इन पांच मिशन पर टिका है सबकुछ

Chandrayaan-3 की सफलता के बाद भारत की स्पेस इकोनॉमी का साइज 44 अरब डॉलर है. इसरो की सफलता के बाद भारत की दावेदारी और मजबूत हुई है.

Chandrayaan 3 के चांद पर उतरने का भारत के लोगों पड़ेगा क्या असर, 5 प्वाइंट्स में समझें

Chandrayaan-3 Update: भारत ने अपने तीसरे प्रयास में चांद पर वर्चुअल कदम रखने में सफलता हासिल कर ली है. यह कारनामा महज 3 देश ही इससे पहले कर पाए हैं. यह कदम इंडियन इकोनॉमी को भी बूम दे सकता है.

साल 2025 तक 12.8 अरब डॉलर की होगी भारत की स्पेस इकोनॉमी 

ISPA और अर्न्स्ट एंड यंग द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटे उपग्रहों की बढ़ती मांग के कारण देश में उपग्रह विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा.