Independence Day 2022: भारत का नाम कैसे हुआ India? कब मिली इसे मंजूरी और क्या है इसके पीछे की कहानी
How Bharat Become India: भरत राजवंश के नाम पर देश का नाम भारत पड़ा. भारतवर्ष से लेकर इंडिया तक की कहानी काफी दिलचस्प है. क्या आप जानते हैं कि इसका नाम इंडिया कैसे हुआ.
Video: Independence Day 2022- क्यों 1958 में ससुर नेहरू और दामाद फिरोज गांधी में खिंच गई थी दीवार
साल 1958 भारत के लिए अच्छे बुरे साल के तौर पर याद किया जाएगा. अच्छा इसलिए क्योंकि भारतीय फिल्म मदर इंडिया को इसी साल एकेडमी अवार्ड मिला, फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह ने भी इस साल गोल्ड मेडल जीता जब्कि बुरा इसलिए कि भारत का पहला बड़ा घोटाला इसी साल सामने आया. इस घोटाले को नाम दिया गया हरिदास मुंदड़ा घोटाला, इस घोटाले में मुंदड़ा ने सरकारी बाबूओं के साथ साठ-गांठ कर के LIC से करीब 1 करोड़ 24 लाख रुपये की रकम 6 कंपनियों में लगवाई जिसका मोटा शेयर मुंदड़ा के पास था.
Video: Independence Day 2022- साल 1957 में जब चलाए गए भारत में नए सिक्के
साल 1957 आ चुका था लेकिन फिर भी भारत के कई हिस्से अभी भी भारत के कब्जे में नहीं थे. गरीबी से देश जूझ रहा था और इसी बीच दूसरे लोकसभा चुनाव कराए गए. इन चुनावों में भी जीत कांग्रेस पार्टी को मिली और एक बार फिर जवाहर लाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने
Video: Independence Day 2022- साल 1956 में कैसे बदल गया था भारत का नक्शा?
करीब 33 लाख square किलोमीटर में फैला, दुनिया का 7वां सबसे बड़ा देश भारत, वक्त के साथ बेहतर व्यवस्था के लिए देश में राज्यों का बनना शुरू हो चुका था, और 1956 वो साल था जब भारत को प्रशासनिक दृष्टि से गठित करने के लिए एक प्रमुख कदम उठाया गया. यानी States Reorganisation Act. 1956 की States Reorganisation Act के जरिये भारत में इस साल कुछ नए प्रदेशों का निर्माण हुआ, तो कुछ प्रदेशों की सीमाओं में बदलाव हुआ. इसी के तहत 1956 में देश के कई राज्यों की स्थापना हुई, जैसे मध्य प्रदेश, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश. साथ ही दिल्ली, लक्षद्वीप, पुदुचेरी वगैरह को यूनियन टेरिटरी घोषित किया गया.
Video: Independence Day 2022- साल 1955 में रूस की धरती पर क्यों बरसाए गए नेहरु के कदमों में गुलाब
वहीं देश की दूसरी बड़ी घटना जवाहर लाल नेहरू का सोवियत दौरा था.. वो 7 जून 1955 को सोवियत संघ पहुंचे थे। इस दौरे पर रूस ने भारत में भारी उद्योग लगाने में मदद करने को लेकर सहमति जताई। इस दौरे के बाद दुनिया में भारत की एक अलग छवि बनी। इस दौरे पर एक खास बात यह थी कि जब नेहरू जिस रास्ते से गुजर रहे थे, उस दौरान उन पर कुछ लोगों ने गुलाब भी बरसाए थे
Video: Independence Day 2022- भारत पर हमला कर फंसा पाकिस्तान, गंवा बैठा कश्मीर
साल 1948… देश की आजादी की महक अभी हर जगह फैली ही हुई थी…लेकिन उसी साल दिल्ली के बिरला हाउस में 30 जनवरी 1948 को एक ऐसी घटना हुई जिसने पूरे देश में मातम फैलाया. भीड़ में तीन गोलियां चली और सब कुछ खत्म हो गया. नाथूराम गोडसे ने गांधी जी को तीन गोलियां मारी. मृत्यु से पहले महात्मा गांधी के मुंह से निकले वो आखिरी अल्फाज थे ‘हे राम’... दूसरी बड़ी घटना इस साल की थी जम्मू-कश्मीर से जुड़ी. जम्मू-कश्मीर की कहानी सैकड़ों साल पुरानी है. ये वही साल था जब पहली बार कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र तक पहुंचा. सवा साल के युद्ध के बाद 31 दिसंबर 1948 को सीजफायर लागू कर दिया गया
Independence Day 2022: आजादी मिले हो गए 75 साल, जानिए पहले 10 साल में कैसे आगे बढ़ा था देश
अंग्रेज जब 75 साल पहले भारतीय जनता के अटल विरोध से थककर वापस लौटे थे, तो आजादी का परवाना हाथ में थामते समय हमारे नेताओं के सामने बड़ी चुनौतियां थीं. इन चुनौतियों से लगातार उबरते हुए हम कैसे आज विश्व के शीर्ष देशों में शुमार हो गए, इस सफर के बारे में अगले पांच दिन हम आपको 10-10 साल की सीरीज के तहत बताएंगे. आज इस सीरीज की पहली कड़ी में जानिए 1948 से 1958 तक कैसे तरक्की की पायदान की तरफ बढ़ा देश...
Video: 1952 में चुनाव आयोग ने शुरु की ऐसी परंपरा जो आज भी है कायम
भारत के पहले लोकसभा के चुनाव फरवरी 1952 में खत्म हुए. सर्वापल्ली राधाकृष्णन 216 सदस्यों के साथ राज्यसभा के पहले अध्यक्ष बने. भारत में साल 1951 में आम चुनाव हो चुके थे और जवाहरलाल नेहरू की सरकार बनना पूरी तरह से तय था. हालांकि इस चुनाव को लेकर चुनाव आयोग के सामने बहुत चुनौतियां थी, सबसे बड़ी चुनौती थी लोगों के बीच फैली असाक्षरता, उस वक्त देश की आबादी करीब 50 करोड़ थी जिसमें केवल 15 फीसदी लोग ही एक भाषा में लिखना पढ़ना जानते थे
Video: Independence Day 2022- किसने दिया था भारत को विकास का पहला आइडिया
1951: देश को आजाद हुए तीन साल का वक्त बीत चुका था लेकिन देश को तेजी से तरक्की के रास्ते पर चलाने के लिए कोई योजना तैयार करनी थी जिससे सिलसिलेवार तरीके से देश आगे बढ़ सके. साल 1928 में स्टेलिन ने रूस में पंच वर्षीय योजना की शुरुआत की थी. जवाहरलाल नेहरू शुरुआत से ही रूस से प्रभावित थे लिहाजा उन्होंने रूस की तर्ज पर भारत में भी पंचवर्षीय योजना की शुरुआत की
Video: Independence Day 2022- जब Banking Sector में बजा था भारत का डंका
1949.. ये वो ऐतिहासिक साल है जब देश के संविधान को स्वीकार किया गया था.. जी हां हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है. भारत के संविधान के आधार पर ही देश की संसद कानून बनाती है.. जिससे पूरे देश की व्यवस्था चलती है. तो आपको बता दें कि ये संविधान दिवस साल 1949 से ही जुड़ा है. क्योंकि 26 नवंबर 1949 को ही संविधान तैयार हो गया था. देश के संविधान को बनने में 2 साल, 11 महीने और 8 दिन का समय लगा था, वो बात अलग है कि उसे लागू होने में दो महीने और लग गए, और 16 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया, जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं.