सेंट्रल जेल में लिखी गई एक कविता ने उड़ा दी थी अंग्रेजी हुकूमत की नींद, जानें विस्तार से

Pushp Ki Abhilasha: अंग्रेजी हुकूमत ने देश के प्रिय कवि-पत्रकार माखनलाल चतुर्वेदी को राजद्रोह के केस में गिरफ्तार कर बिलासपुर सेंट्रल जेल के बैरेक नंबर 9 में रखा था. 8 महीने की सजा काटने के दौरान जेल में ही माखनलाल ने 28 फरवरी 1922 को 'पुष्प की अभिलाषा' कविता लिखी.

पढ़ें हिंदी का पहला शोकगीत लिखने वाले कवि की 5 श्रेष्ठ कविताएं

Hindi's First Elegy: 'सरोज-स्मृति' को हिंदी का पहला शोकगीत माना जाता है. निराला ने यह शोकगीत अपनी बेटी के निधन के बाद लिखा था, जो महज 19 बरस की उम्र में दुनिया से विदा हो गई थी. इस गीत में वह लिखते हैं - धन्ये, मैं पिता निरर्थक था/कुछ भी तेरे हित न कर सका!

DNA Kavita Sahitya: प्रेम में पगी स्त्री का घर-संसार रचती हैं युवा कवि शैलजा पाठक की कविताएं

Hindi Poetry: शैलजा पाठक की कविताओं में रिश्तों की खुशबू है, प्यार के चटख रंग हैं और गांव-घर की यादें हैं. इन कविताओं में आपको प्रेम सहेजने का नायाब मंत्र मिलेगा, उसे जीने की जादुई राह दिखेगी. इस राह की चमक के साथ कहीं वह अंधेरा भी कुनमुनाएगा जहां बिखरे हुए लोग हैं, टूटे सपने हैं, खोई हुई दुनिया है.

DNA Kavita Sahitya: बेचैनियों से भरीं कवि मुक्ति शाहदेव की छह कविताएं

DNA Lit: मुक्ति शाहदेव की कविताओं में देशज शब्दों का सहज प्रयोग देखने को मिलता है. 'सोंटी', 'काठी चूल्हा', 'बिचला कोठरी', 'छिलका' जैसे शब्द जैसे कविता में झारखंडी परिवेश को जिंदा कर देते हैं.

Fun Memory : जिसका नाम मोहम्मद अकरम था, क्या वो लड़की थी?

पर्दा उठा और मंच पर पहने एक नृत्यांगना ने प्रवेश किया . उस समय की प्रसिद्ध फिल्म ‘ लव इन टोकियो ‘ का एक गीत हवाओं में गूंजने लगा...