Ghalib ki Haveli : गुलज़ार ने मुझे ग़ालिब का पता दिया
जब से हवेली जाने का ख़याल आया था तभी से मन में गुलज़ार की ग़ालिब पर लिखी नज़्म किसी रिकॉर्ड की तरह चलने लगी थी.
Death Anniversary : 'ग़ालिब' का है अंदाज़-ए-बयां और
इस साल असदुल्लाह बेग ख़ान 'ग़ालिब' को गुजरे हुए 152 बरस बीत जाएंगे पर ग़ालिब का नाम तब तक रहेगा जब तक शेर कहे और सुने जाएंगे.