Aditya L1 Solar Mission Update: धरती और सूर्य के बीच 5 Lagrange Point,इनमें L1 को ही क्यों चुना गया?
'चंद्रयान-3' की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद ISRO का अगला स्टॉप सूर्य है. ISRO ने चंद्रयान-3 की कामयाबी के तुरंत बाद ही Aditya L1 के लॉन्च की घोषणा कर दी थी. जिसके बाद 28 अगस्त को इसरो ने बताया था कि आदित्य-एल 1 को 2 सितंबर को सुबह 11:50 मिनट पर पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल यानी PSLV-C57 के जरिये आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा. इसरो के मुताबिक, Aditya L1 को सूर्य की तरफ लगभग 15 लाख किलोमीटर तक भेजा जाएगा. जिस जगह पर आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान जाएगा उसे एल-1 यानी Lagrange Point 1 कहते हैं. सबसे पहले समझते हैं क्या है L1 या Lagrange Point?
Chandrayaan 3 के Pragyan Rover के सामने आया गड्ढा, अचानक बदलना पड़ गया रास्ता
Chandrayaan-3 ने जबसे चांद पर लैंड किया है, तभी से उसकी पल पल की खबर का सबको बेसब्री से इंतजार रहता है. सोमवार 28 अगस्त को दोपहर में ISRO ने सभी से एक खास जानकारी शेयर की. दरअसल एक पॉइंट से दूसरे पॉइंट पर मूनवॉक करते चंद्रयान के रोवर प्रज्ञान के सामने चांद की सतह पर एक काफी बड़ा गड्ढा मिला. हालांकि राहत की बात ये है कि इसे देखकर प्रज्ञान ने अपना रास्ता बदल लिया.
Chandrayaan 3 Landing: ISRO प्रमुख ssomanath ने चंद्रयान-3 की सफलता के बाद Bhadrakali Mandir में माथा टेका
ISRO Chief at Bhadrakali Mandir: चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंड होने के बाद इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने तिरुवनंतपुरम में पूर्णमिकवु भद्रकाली मंदिर का दौरा किया.
ISRO Chief S Somanath in Bhadrakali Temple: जब इतिहास रचन के बाद ISRO Chief S Somanath पहुंचे Bhadrakali Temple, Mandir में ऐसा था माहौल
ISRO Chief S Somanath in Bhadrakali Temple: चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद ISRO और इसरो चीफ एस सोमनाथ के नाम का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है. क्योंकि इसरो ने वो कर दिखाया है जो रुस और अमेरिका जैसे विरसित देश भी नहीं कर पाए. इस कामयाबी के बाद ISRO चीफ एस सोमनाथ रविवार को भद्रकाली मंदिर पहुंचे. ISRO चीफ एस सोमनाथ ने तिरुवनंतपुरम के पौर्नामी कावु-भद्रकाली मंदिर में पूजा-अर्चना की. दरअसल 23 अगस्त को चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर पहुंचकर इतिहास रच दिया. भारत, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है.
PM Modi Bengaluru Visit: ISRO पहुंचे पीएम मोदी से मिलने क्यों नहीं पहुंचे Karnataka CM Siddaramaiah?
PM Modi isro Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद्रयान-3 मिशन का हिस्सा रहे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO के वैज्ञानिकों से मिलने बेंगलुरु पहुंचे थे. इस दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मौके पर नहीं दिखाई दिए. जिसका कारण पीएम मोदी ने खुद साफ किया है.
Pakistan Reaction On Chandrayaan-3: Chandrayaan-3 पर क्यों पाकिस्तानियों ने कही ये बात, Pakistani सरकार भी सुनकर चौंक जाएगी!
Pakistan Reaction On Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर के लैंड होने के बाद दुनियाभर के देशों ने भारत को शुभकामनाएं दी हैं. विदेश में रह रहे भारतीयों ने भी इस उपलब्धि पर जश्न मनाया. इसी बीच पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में Twitter 'X' पर अचानक से Congratulations Neighbour हैथटैग Trend करने लगा, पाकिस्तानी आवाम ने दिल खोलकर बधाई दी है. इसके साथ ही पाकिस्तान के कुछ लोग अपनी सरकार को आईना दिखाते भी नजर आए.
S Somnath Exclusive Interview: इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ ने Interview में बताया चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद चांद पर कब पहुंचेंगे हम?
S Somnath Exclusive Interview: चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हो चुकी है. इसरो चेयरमैन ने कहा कि चंद्रयान 3 की सफलता हमारे भारतीय टेक्नोलॉजी का कमाल है. उन्होंने कहा कि इस मिशन में चंद्रयान-2 की गलतियों में सुधार करने से सफलता मिली है.
Chandrayaan 3 Landing: चंद्रयान-3 अब अगले 14 दिनों तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर क्या करेगा?
भारत के चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने 23 अगस्त की शाम को चांद की धरती पर अपने चंद्रयान ने चांद की धरती पर चारों कदम मजबूती से जमा दिए. इसी के साथ चंद्रयान-3 अभियान इतिहास रच चुका है. भारत चांद की धरती पर अपनी मौजूदगी रखने वाला दुनिया का महज चौथा देश बन गया है. लेकिन चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग कराना इतना आसान नहीं था. ऐसे में बताते हैं कि साउथ पोल पर उतरने का चंद्रयान-3 का क्या रिजन है? चंद्रमा के पोलर रीजन दूसरे रीजन्स से काफी अलग हैं. यहां कई हिस्से ऐसे हैं जहां सूरज की रोशनी कभी नहीं पहुंचती और तापमान -200 डिग्री सेल्सियस से नीचे तक चला जाता है.
Chandrayaan-3 -landing: जब चांद पर छपा अशोक स्तंभ और ISRO, प्रज्ञान रोवर ने क्या किया?
चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की सफल लैंडिंग के बाद अगला चरण शुरू हो गया है. अगले चरण में लैंडर विक्रम से रोवर प्रज्ञान बाहर आ चुका है. 14 दिनों तक काम करने वाला ये रोवर अब चांद की सतह पर घूम रहा है और इसने अपना काम शुरू कर दिया है. दरअसल लैंडर के अंदर मौजूद प्रज्ञान रोवर ने बाहर निकलकर अपना पहला कदम चांद की धरती पर रखा. इस कदम के साथ ही चांद की मिट्टी पर भारत का राजकीय चिह्न यानी अशोक स्तंभ छप गया. बता दें कि चांद पर रिसर्च वर्क करने के लिए भेजे गए प्रज्ञान रोवर को वहां की जमीन पर भारत की मौजूदगी दिखाने के लिए भी डिजाइन किया गया है. रोवर के छह पहिये हैं, जो चांद की धरती का डाटा प्रोवाइड कराने के लिए डिजाइन किया गया है. इन्हीं पहियों में सबसे पीछे वाले पहियों पर भारत का राजकीय चिह्न यानी अशोक स्तंभ और ISRO का LOGO गुदा हुआ है. इसके चलते प्रज्ञान रोवर चांद की धरती पर जहां भी घूमेगा, वहीं पर पीछे-पीछे ये निशान भी धरती पर बनते चले जाएंगे. चांद पर हवाएं नहीं चलती हैं. इसके चलते ये निशान मिटने की संभावना नहीं है यानी भारत की मौजूदगी हमेशा के लिए वहां छपकर रह जाएगी.
ISRO Chief Dance Video: चंद्रयान-3, की सफलता के बाद इसरो चीफ एस सोमनाथ का पुराना डांस वीडियो
ISRO Chief Dance Video: चंद्रयान 3 की कामयाबी के बाद इसरो चीफ एस सोमनाथ का एक डांस वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से हो रहा है वायरल.