क्यों गालियां खाकर भी खुश होती थी ये एक्ट्रेस?

आप सोचेंगे कि किरदार के लिए गालियां खाना एक्टर को कितना बुरा लगता होगा लेकिन इन्हें ये गालियां अवॉर्ड लगती थींं. फैन्स खून से लिखी चिट्ठियां भेजते थे.

वे भारतीय फ़िल्में जिन्होंने सामाजिक मुद्दे पर ख़ास पहचान बनायीं

कई फ़िल्में गहन सामजिक सन्देश देती है. समाज की बुराइयों को बेहद अच्छे ढंग से रेखांकित करती हैं.

बोल्ड इमेज के चलते इस एक्ट्रेस को नहीं देखने को मिली अपनी ही फिल्म

70 के दशक की एक्ट्रेस रेहाना ने बताया कि फिल्म हार-जीत एक इमोशनल फिल्म थी लेकिन फिर भी मेरा पल्लू गिरने वाले सीन के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए.