Ambedkar: बाबा साहेब बहुभाषी राज्य के समर्थक नहीं थे

ध्यान देने वाली बात ये कि केंद्र की मोदी सरकार हिन्दी के साथ जो करना चाहती है, अंबेडकर भी कुछ वैसा ही चाहते थे.