Pran: मीर का दीवान पढ़ते प्राण साहब की इस फोटो में छिपा है उनके व्यक्तित्व का राज़
1940 में भारतीय फिल्मों को अपना सबसे आकर्षक खलनायक हासिल हुआ जिसने अगले साठ साल तक कई यादगार रोल निभाए.
नारायणराम मास्साब की उस्तादी देखकर ब्रिगेडियर हैनरी भी कायल हुए
वह अंग्रेजों के ज़माने के टेलर थे और 1947 से पहले रानीखेत छावनी के बड़े और गोरे अफसरों की वर्दियां और सूट सिया करते थे.