डीएनए हिंदीः यहां आपको हम आसान तरीके हवन करने की विधि, तैयारी और मंत्र से जुड़ी संपूर्ण जानकारी दे रहे हैं. साथ ही यह भी बताएंगे कि हवन कुंड कैसा होना चाहिए, हवन सामग्री क्या हेा और हवन अग्नि प्रज्वलित करने के बाद क्रमशः क्या करते जाएं.
हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित करने के पश्चात इस पवित्र अग्नि में फल, शहद, घी, काष्ठ इत्यादि पदार्थों की आहुति प्रमुख होती है. माना जाता है कि यदि आपके आसपास किसी बुरी आत्मा इत्यादि का प्रभाव है तो हवन प्रक्रिया इससे आपको मुक्ति दिलाती है और कामना, स्वास्थ्य एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है.
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नवरात्र हवन की तैयारी ऐसे करें
हवन कुंड बना कर उसे गाय के गोबर से लेपन करें और आटे से चौक बना लें. हाथ में गंगाजल लेकर सभी सामग्रियों पर छींटे मारें और कुंड के चारों तरफ एक-एक कुश रखें. इसके बाद हवनकुंड में आम की सूखी लकड़ियां रखें. रूई में घी लगाकर लकड़ी के ऊपर रखें. कपूर जलाकर हवनकुंड की ज्वाला प्रज्जवलित करें. इसके बाद बाद घी से 3 या 5 बार गणेशजी, पंचदेवता, नवग्रह, क्षेत्रपाल, ग्राम देवता एवं नगर देवता को आहुति दें. इसके बाद ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः’ मंत्र से माता के नाम से आहुति दें.
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हवन सामग्री दुर्गा पूजा
नवमी के दिन मां दुर्गा की प्रसन्नता के लिए हवन के लिए आवश्यक सामग्री के रूप में सबसे जरूरी है हवन कुंड. हवन में हविष्य के लिए धूप, जौ, नारियल, गुग्गुल, मखाना, काजू, किसमिस, छुहारा, मूंगफली, बेलपत्र, शहद, घी, सुगंध, अक्षत चाहिए. इन सभी को मिलकर हविष्य बना लें, हविष्य उसे कहते हैं जिन्हें हवन के दौरान अग्नि में डालते हैं. हवन के लिए अग्नि प्रज्जवलित करने लिए रूई, आम की लकड़ी, चंदन की लकड़ी, कर्पूर और माचिस चाहिए.
मां दुर्गा हवन विधि मंत्र
माता दुर्गा के लिए हवन करते समय ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः’ इस बीज मंत्र से 108 बार हवन कुंड में हविष्य डालें. अंत में खीर और शहद मिलाकर इसी मंत्र से हवन कुंड में आहुति दें. अंत में शिवजी और ब्रह्माजी के नाम से आहुति दें. हवन के बाद आरती करें और हवन का भभूत सभी लोग लगाएं. हवन पूर्ण होने पर कन्या भोजन करवाना चाहिए.
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विस्तार से दुर्गा पूजा हवन विधि
देवीभागवत पुराण में बताया गया है कि, दुर्गा सप्तशती के सभी श्लोक मंत्र हैं. अगर आप विस्तार से हवन करना चाहते हैं तो कवच, कीलक, अर्गला का पाठ करते हुए दुर्गा सप्तशती के 13 अध्याय के सभी मंत्रों को बोलकर स्वाहा कहते हवन कुंड में आहुति दें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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