डीएनए हिंदी: Supreme Court On The Kerala Story- पूरे देश में चर्चा में चल रही फिल्म The Kerala Story को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. शीर्ष अदालत ने उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में फिल्म पर बैन लगाए जाने को चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में फिल्म बैन करने के फैसले पर आश्चर्य जताया और राज्य सरकार को इसके लिए करारी फटकार लगाते हुए नोटिस जारी किया है. साथ ही तमिलनाडु सरकार को भी इस बात का जवाब दाखिल करने के लिए कहा है कि राज्य में फिल्म क्यों नहीं दिखाई जा रही है. अगली सुनवाई 17 मई को की जाएगी.

आइए 5 पॉइंट्स में पढ़ते हैं सुप्रीम कोर्ट में आज क्या-क्या हुआ.

1. फिल्म मेकर्स की याचिका पर हुई सुनवाई

द केरल स्टोरी फिल्म को पूरे देश में 5 मई को रिलीज किया गया था. इसके बाद पश्चिम बंगाल ने इस पर बैन लगा दिया था, जबकि तमिलनाडु में भी फिल्म थिएटर में नहीं दिखाए जाने का फैसला हुआ था. इसके खिलाफ फिल्म मेकर्स ने 10 मई को सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली बेंच ने इसी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की है. 

2. 'सुप्रीम कोर्ट पहले ही कई राज्यों की रोक रद्द कर चुका है'

फिल्म मेकर्स की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट को सारी जानकारी दी. उन्होंने कहा, फिल्म को सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट दिया है. इसके बाद 5 मई को यह रिलीज की गई. सुप्रीम कोर्ट पहले ही कई मामले में राज्य सरकार की तरफ से लगाई रोक को रद्द करते हुए कानून-व्यवस्था बनाए रखने को कह चुका है. इसके बावजूद पश्चिम बंगाल ने फिल्म पर रोक लगा दी है, जबकि तमिलनाडु में फिल्म को थिएटर में नहीं लगाने दिया जा रहा है. 

3. 'सरकार नहीं लोग तय करें, फिल्म अच्छी है या बुरी'

चीफ जस्टिस की बेंच ने पश्चिम बंगाल में फिल्म नहीं दिखाने पर आश्चर्य जताया. चीफ जस्टिस ने कहा, फिल्म को पूरे देश में दिखाया जा रहा है तो बंगाल में क्यों नहीं दिखाया जा सकता? फिल्म अच्छी है या बुरी, यह बात सरकार लोगों को ही तय करने दे. चीफ जस्टिस ने जल्द सुनवाई करने के लिए राज्य सरकार को नोटिस जारी करने की बात कही.

5. राज्य सरकार की कानून-व्यवस्था की दलील को खारिज किया

पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से इस मामले में वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा. उन्होंने पहले सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि याचिकाकर्ता को सीधे शीर्ष अदालत आने के बजाय हाई कोर्ट जाने के लिए कहा जाए. इसके बाद उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने फिल्म पर बैन लगाने का फैसला इसकी रिलीज से कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका वाली कई रिपोर्ट के आधार पर लिया है. सिंघवी की दलील को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस ने पूछा, पूरे देश में फिल्म चल रही है तो आप कानून-व्यवस्था बिगड़ने की बात कैसे कह सकते हैं? चीफ जस्टिस ने पश्चिम बंगाल सरकार को स्पष्ट कहा कि हम इस मामले में सुनवाई करेंगे. उन्होंने कहा, हम नोटिस जारी कर रहे हैं. इस मामले में 17 मई यानी बुधवार को सुनवाई की जाएगी.

5. तमिलनाडु से कहा, 'रोक नहीं लगी तो सुरक्षा दो'

तमिलनाडु सरकार की तरफ से पेश वकील ने राज्य में फिल्म की रिलीज को लेकर कोई रोक नहीं लगाए जाने की बात कही. इस पर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा, आपने थिएटरों को कोई सुरक्षा दी है? तमिलनाडु सरकार के वकील की तरफ से स्पष्ट जवाब नहीं मिलने पर चीफ जस्टिस ने आदेश देते हुए कहा, आप लिखित में दीजिए की फिल्म दिखाने वाले थिएटर को सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी. 

द केरल स्टोरी फिल्म 3 लड़कियों की कहानी है, जिन्हें ब्रेन वॉश के जरिये धर्म परिवर्तन कराकर आतंकी संगठन ISIS में शामिल किया जाता है. इसके बाद उन पर जो अत्याचार होते हैं, उन्हें ही फिल्म के जरिये पेश किया गया है. इस फिल्म के निर्माता विपुल अमृतलाल शाह हैं और इसे सुदीप्तो सेन ने निर्देशित किया है. इस फिल्म को जहां भी रिलीज किया गया है, वहां इसे देखने के लिए बेहद भीड़ उमड़ रही है और इसकी तारीफ भी हो रही है.

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पश्चिम बंगाल को फटकार, तमिलनाडु से जवाबतलब, जानें द केरल स्टोरी पर सुप्रीम कोर्ट
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पश्चिम बंगाल को फटकार, तमिलनाडु से जवाब तलब, 5 पॉइंट्स में जानें द केरल स्टोरी पर सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ