डीएनए हिंदी: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की बेंच ने शुक्रवार को ईडी के समन के खिलाफ हेमंत सोरेन की याचिका खारिज कर दी. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने अपनी दलील में कहा कि सीएम सोरेन ने समन का पहले ही उल्लंघन किया है. वे ईडी के किसी भी समन पर उपस्थित नहीं हुए. ऐसे में उनका समन को चुनौती देने का कोई औचित्य नहीं है, इसलिए उन्हें राहत नहीं दी जा सकती.
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से यह भी कहा गया कि हेमंत सोरने ने जो पीएमएलए एक्ट की धारा 50 और 60 को चुनौती दी है, उसे सुप्रीम कोर्ट विजय मदन लाल चौधरी के केस में डिसाइड कर चुका है. इसके तहत एजेंसी को समन और बयान लेने का अधिकार है. ऐसे में हाई कोर्ट इस मामले में कोई आदेश नहीं दे सकता.
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ईडी के समन पर नहीं उपस्थित हुए हेमंत सोरेन
वहीं, मुख्यमंत्री की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि सीएम के खिलाफ किसी तरह का कोई मामला दर्ज नहीं है. ऐसे में उन्हें ईडी द्वारा समन दिया जाना उचित नहीं है.बता दें कि ईडी ने जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को पांच समन भेजे थे, लेकिन वे किसी भी समन पर उपस्थित नहीं हुए.
सीएम हेमंत सोरेने ने बीते 23 सितंबर को ईडी की ओर से जारी समन के खिलाफ हाईकोर्ट में रिट दायर की थी. इसमें समन को कानून के खिलाफ बताया गया था और पीएमएलए एक्ट की विभिन्न धाराओं की वैधता को भी चुनौती दी गई थी. इसके पहले सोरेन सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे एंटरटेन करने के बजाय उन्हें पहले हाईकोर्ट जाने को कहा था.
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झारखंड के CM हेमंत सोरेन को नहीं मिली राहत, ED के समन के खिलाफ याचिका खारिज