दुश्मनों की पल-पल की हरकत पर नज़र रखने और भारत के डिफेंस को मजबूत बनाने के मकसद से ISRO ने EOS-9 सैटेलाइट तैयार किया है. यह एक अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है, जिसे 18 मई की सुबह लॉन्च किया गया, हालांकि तकनीकी गड़बड़ी के चलते लॉन्च अधूरा रह गया. यह ISRO का 101वां लॉन्च मिशन था.
ISRO प्रमुख वी नारायणन ने जानकारी दी कि लॉन्च के पहले दो चरण सामान्य रहे. लेकिन तीसरे चरण में गड़बड़ी आ गई, इस गड़बड़ी की वजह से मिशन सफल नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि ISRO इस गड़बड़ी और डेटा का विश्लेषण करेगा और दोबारा मिशन लॉन्च करेगा.
Today 101st launch was attempted, PSLV-C61 performance was normal till 2nd stage. Due to an observation in 3rd stage, the mission could not be accomplished.
— ISRO (@isro) May 18, 2025
EOS-09 को दुश्मन पर पैनी नज़र रखने के लिए किया गया है तैयार
EOS-09 सैटेलाइट का मकसद भारत की रिमोट सेंसिंग क्षमताओं को और मजबूत करना था. इसकी मदद से आतंकवाद विरोधी ऑपरेशंस को मजबूत बनाना, सीमा पर घुसपैठ को रोकना और संदिग्ध गतिविधियों पर रोक लगाया जा सकता है.
इस सैटेलाइट को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह सीमा पर होने वाली हर हरकत पर पैनी नज़र रखेगा और रिमोट सेंसिंग के जरिए खतरे का पता लगाएगा. सेना को 24 घंटे डेटा उपलब्ध कराता रहेगा.
पहले से तैनात है EOS-04
हाल ही में किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ISRO के रीसेट और कॉर्टोसेट जैसे सैटेलाइट्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इन उपग्रहों द्वारा खींची गई हाई रेसॉल्यूशन तस्वीरों की मदद से भारत ने रात के वक्त भी आतंकियों के ठिकानों की सटीक लोकेशन पर स्ट्राइक किया था. फिलहाल अंतरिक्ष से EOS-04 सैटेलाइट भारत की डिफेंस को मजबूती देता है. EOS-09 को भारत की डिफेंस को मजबूत बनाने की दिशा में अगला कदम माना जा रहा था.
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इस वजह से ISRO का 101वां सैटेलाइट मिशन रह गया अधूरा, इन खूबियों से लैस था भारत का EOS-09 उपग्रह