Manmohan Singh Death: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Dr Manmohan Singh) अब हमारे बीच नहीं रहे. राजधानी दिल्ली के AIIMS अस्पताल में डॉ. सिंह ने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. उनके जाने से पूरे देश में शोक की लहर है. उनके निधन से भारत ने एक ऐसे नेता को खो दिया है, जिन्होंने देश की आर्थिक दिशा को हमेशा के लिए बदल दिया. देश-दुनिया के तमाम बड़े नेता उनके जाने पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) ने अपनी किताब 'A Promised Land' में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भारतीय अर्थव्यवस्था के आधुनिकीकरण का नायक बताया. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के बारे में लिखा था,'जब भी वे बोलते हैं तो दुनिया बड़ी गौर से सुनती है.'
ओबामा और मनमोहन सिंह का गर्मजोशी भरा रिश्ता
बराक ओबामा ने डॉ. मनमोहन सिंह के साथ अपनी मुलाकातों को हमेशा खास बताया. 2010 में टोरंटो में G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान ओबामा ने कहा था, 'जब भारत के प्रधानमंत्री बोलते हैं, तो पूरी दुनिया सुनती है.' नई दिल्ली में एक डिनर पार्टी के दौरान ओबामा ने डॉ. सिंह को अर्थव्यवस्था के प्रति चिंतित और गंभीर पाया. ओबामा ने लिखा कि डॉ. सिंह का दृष्टिकोण हमेशा भारत की ब्यूरोक्रेसी की शंकाओं और देश के हितों को प्राथमिकता देता था.
भारत के आर्थिक कायाकल्प के चीफ आर्किटेक्ट
डॉ. मनमोहन सिंह को भारत में आर्थिक उदारीकरण का जनक माना जाता है. 1991 के आर्थिक सुधारों के दौरान वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी. ओबामा ने अपने किताब में आगे लिखा कि, मनमोहन सिंह ने न सिर्फ भारत को आर्थिक प्रगति के रास्ते पर लाने में मदद की, बल्कि लाखों भारतीयों को गरीबी के दुष्चक्र से बाहर निकाला. ओबामा ने मनमोहन सिंह को एक 'बुद्धिमान, विचारशील और ईमानदार राजनेता बताया. ओबामा ने उनकी तुलना 'विकास के प्रतीक' से करते हुए लिखा कि वे एक ऐसे सिख समुदाय के सदस्य थे, जिसे कई बार सताया गया, लेकिन उन्होंने अपने ज्ञान और कड़ी मेहनत से देश का सर्वोच्च पद हासिल किया.
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डॉ. मनमोहन सिंह की विरासत
डॉ. मनमोहन सिंह का नाम भारतीय राजनीति और आर्थिक सुधारों के इतिहास में हमेशा अमर रहेगा. ओबामा ने लिखा, 'वे एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने लोगों का दिल भावनात्मक अपील से नहीं, बल्कि उनके जीवन को बेहतर बनाकर जीता.' उनकी सादगी, ईमानदारी और देश के लिए समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बने रहेंगे.
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‘जब वो बोले तो दुनिया ने सुना’, ओबामा भी थे भारत के 'आर्थिक आर्किटेक्ट' मनमोहन सिंह के मुरीद