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World Book Fair 2024: दिल्ली में शुरू हुआ विश्व पुस्तक मेला, बच्चों का आकर्षण बना AI वाला ई-जादुई पिटारा

New Delhi Book Fair 2024: इस बार विश्व पुस्तक मेले में बच्चों को ध्यान में रखते हुए बहुत सारे आयोजन किए गए हैं. साथ ही बच्चों से जुड़ी किताबें भी बहुत सारी हैं.

Delhi World Book Fair 2024: 40 देशों के 1000 से ज्यादा प्रकाशक, क्षेत्रीय भाषाओं की भी किताबें मेले में

Delhi World Book Fair 2024: पुस्तकों के इस महाकुंभ में 40 से ज्यादा देशों के प्रकाशक और प्रतिनिधि आएंगे. इस बार 1000 से अधिक प्रकाशक इसमें शामिल हो रहे हैं. इस बार पुस्तक मेले में क्षेत्रीय भाषाओं की पुस्तकें और द्विभाषी पुस्तकें भी होंगी.

नौ दिनी Book Fair में लगेगा मनोरंजन का तड़का, गीत-संगीत से सजेंगी शामें, नाटकों का होगा मंचन

Delhi World Book Fair 2024: पुस्तकों के इस महाकुंभ में इस बार 600 से अधिक साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनमें नाटक, लोक प्रदर्शन, म्यूजिक बैंड शामिल हैं. इस बार यह पुस्तक मेला मशहूर कलाकार और कवियों से तो मुलाकात करवाएगा ही, अग्रणी संगीतकारों के लिए भी यह राष्ट्रीय मंच बनेगा.

क्या मुझे उसके साथ सोना चाहिए था? जानें, आखिर यह द्वंद्व क्यों आया

DNA Lit Daily Story: हालांकि किसी कस्टमर से निजी रिश्ते बनाना कंपनी के नियमों के खिलाफ है. फिर भी कथावाचक उस महिला का आमंत्रण स्वीकार कर लेता है और महिला के आमंत्रण पर उसके घर जाता है. पढ़ें इसके बाद क्या हुआ.

मुफ्त में किताबें कर सकेंगे डाउनलोड, बुक फेयर में लॉन्च होगी नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी

Delhi World Book Fair 2024: इस बार 10 फरवरी को नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी का भी उद्घाटन किया जाएगा. यहां पाठकों के लिए मुफ्त किताबें होंगी, जिन्हें वे बिना कोई शुल्क दिए डाउनलोड कर सकते हैं. इसके अलावा यहां ब्रेल लिपि की पुस्तकें भी होंगी.

20 Metro Station पर मिलेंगे टिकट, 10 फरवरी से शुरू हो रहा किताबों का महाकुंभ - World Book Fair 2024

Delhi World Book Fair 2024: टिकट की कीमत बच्चों के लिए 10 रुपए और बड़ों के लिए 20 रुपए है. लेकिन स्कूली बच्चे, बुजुर्ग और रजिस्टर्ड विकलांगों को निःशुल्क प्रवेश मिलेगा. प्रगति मैदान के गेट नंबर 4, 6 और 10 से पुस्तक मेले में एंट्री की जा सकेगी.

अकेली महिला ने आखिर क्यों बुलाया 'उसे' अपने घर, जानें मन में क्या चल रहा था

DNA Lit Daily Story: उस समय मुझे इसका एहसास नहीं हुआ, लेकिन ये महिलाएं एकाकी थीं (वैसे ही सोसायटी के पुरुष सदस्य भी थे). वे लिखना चाहते थे लेकिन कोई ऐसा नहीं था जिसे वे लिखते. वे इस तरह के लोग नहीं थे जो किसी रेडियो उद्घोषक को प्रशंसक के रूप में पत्र भेजते.

'एक खिड़की' से महसूस करें Valentine's Week में प्रेम की गर्माहट

DNA Lit Daily Story: ऐसा नहीं था कि मैं वहां रेस्टोरेंट की आंतरिक सज्जा अथवा परिचारिकाओं की टांगों के अध्ययन के विशेष उद्देश्य से गया था. मैं तो वहां मात्र एक ही कारण से गया था, और वह था हैमबर्गर स्टेक खाना - न तो टेक्सास स्टाइल का, न कैलिफोर्निया स्टाइल का, बस सादा, सामान्य हैमबर्गर स्टेक.

जानें सुधा मूर्ति को है लाइफ में क्या-क्या न कर पाने का अफसोस

JLF 2024: फेस्टिवल में सुधा मूर्ति ने कहा कि मैं खुश या उदास होने पर नहीं लिखती, मैं कहानियां बताना चाहती हूं इसलिए लिखती हूं. मुझे यह जानने की दिलचस्पी रहती है कि लोग आपस में क्यों झगड़ रहे हैं. कहीं ऐसा कुछ होता है तो मैं रुक जाती हूं. यही अनुभव मेरी किताब में हैं और वे सत्य हैं.

गीतकार गुलजार में आज भी धुन की तरह बजता है पाकिस्तान, जानें वजह

JLF 2024: फेस्टिवल में विभाजन को याद करते हुए गुलजार ने कहा 'मैं उस दृश्य को नहीं भूल सकता जब मेरे स्कूल में दुआ पढ़ने वाले को मार दिया गया... वे बहुत उदास करने वाले दिन थे. गीतकार गुलजार ने कहा 'मैं अपने लेखन को देखता हूं तो पाता हूं कि उसमें एक उदासी है...