Mock Drill Amid India-Pakistan Tension: भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद से जंग की शुरुआत से पहले के हालात बने हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने का दबाव बढ़ता जा रहा है. इस तनाव के बीच केंद्र सरकार ने बुधवार (7 मई) को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल (Civil Defence Mock Drill) की घोषणा की है. यह मॉक ड्रिल देश के 244 जिलों में कराने का आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिया है. इनमें से ज्यादातर जिले पाकिस्तान की सीमा के करीब हैं, जिससे इस ड्रिल को भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू होने से पहले की कवायद माना जा रहा है. करीब 54 साल बाद भारत में इतने बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है. आजकल मौसम से लेकर भूकंप तक, हर तरह के अलर्ट लोगों को मोबाइल फोन के जरिये मिलते हैं. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या इस ड्रिल से जुड़ा अलर्ट भी स्मार्ट फोन पर मिलेगा?

चलिए इस सवाल का जवाब और हवाई हमले की चेतावनी वाले एयर रेड सायरन के बारे में हम आपको 5 पॉइंट्स में बता रहे हैं-

1. पहले जान लीजिए क्या होता है मॉक ड्रिल में
मॉक ड्रिल अलग-अलग तरह की इमरजेंसी कंडीशन में आम आदमी को किस तरह से रिएक्ट करना चाहिए, इन्हें लेकर कराई जाती है. अमूमन इस तरह की ड्रिल्स सिविल डिफेंस (Civil Defence) की तरफ से समय-समय पर स्कूलों में, बाजारों में आयोजित की जाती हैं, जिनमें आमतौर पर आग लगने की घटना, भूकंप की स्थिति या आतंकी हमले की स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है. इसमें इमरजेंसी कंडीशन की कल्पना की जाती है और एक तेज सायरन बजाकर सबको अलर्ट किया जाता है. इसके बाद लोगों को अपने आपको भागकर बचाना होता है. हालांकि 7 मई की मॉक ड्रिल इससे थोड़ी अलग होने की संभावना है, क्योंकि यह भारत-पाकिस्तान के युद्ध के मुहाने पर पहुंचने के समय आयोजित की जा रही है. माना जा रहा है कि इसमें हवाई हमले से बचने के लिए अलर्ट होना सिखाया जाएगा. ऐसी मॉक ड्रिल रविवार को पाकिस्तान से सटे पंजाब के फिरोजपुर जिले के कैंट एरिया में रात 9 बजे से 9.30 बजे तक 'ब्लैकआउट' करके की जा चुकी है.

यह भी पढ़ें- What is Mock Drill: मॉक ड्रिल में क्या होगा, गाड़ी चला पाएंगे या नहीं, क्या ये युद्ध से पहले का स्टेप है? पढ़ें 5 पॉइंट्स

2. अब असली सवाल कि क्या स्मार्टफोन पर मिलेगा मॉक ड्रिल का अलर्ट?
सायरन बजाकर या पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिये सभी को अलर्ट करने के तरीके सालों पुराने हैं. हालांकि ये तरीके आज भी प्रभावी हैं. इसके बावजूद आज की तारीख में हर हाथ में स्मार्टफोन और इंटरनेट है. इसका लाभ आजकल हर देश में सरकार लोगों के मौसम, भूकंप आदि के बारे में अलर्ट करने के लिए उठा रही है. ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या मॉक ड्रिल में भी इस आधुनिक तरीके से अलर्ट किया जाएगा? एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस बात की पूरी संभावना है कि सरकार इस तरीके की टेस्टिंग करने के लिए इस मॉक ड्रिल का उपयोग करे, क्योंकि अन्य देशों में कई जगह इसकी शुरुआत हो चुकी है. ब्रिटिश सरकार ने साल 2023 में इमरजेंसी मोबाइल अलर्ट की टेस्टिंग की थी, जिसमें सभी स्मार्टफोन यूजर्स के पास एक तेज बीप और वाइब्रेशन वाला इमरजेंसी मैसेज भेजा गया था. यह मैसेज उन फोन में भी जोर से बजने और वाइब्रेट हुआ था, जो साइलेंट मोड पर रखे गए थे. यह अलर्ट कीब 10 सेकंड लंबा था. हालांकि यदि आपका स्मार्टफोन उस दौरान बंद होगा तो आपको यह अलर्ट नहीं मिलेगा.

यह भी पढ़ें- Accident होने पर अब पूरे देश में मिलेगा 'मुफ्त इलाज', कैसे और किन्हें मिलेगा लाभ, कौन से होंगे हॉस्पिटल, पढ़ें 5 पॉइंट्स

3. हवाई हमले का सायरन क्या होता है?
हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन को Air Raid Siren कहा जाता है, जो पब्लिक को शहर की तरफ हमला करने आ रहे फाइटर जेट्स या मिसाइल अटैक की चेतावनीदेने में यूज किया जाता है. कुछ हालात में ये सायरन प्राकृतिक आपदाओं का अलर्ट देने के लिए भी एक्टिवेट किए जाते हैं. यह सायरन बेहद तेज आवाज में करीब 60 सेकंड तक बजता है, जो लोगों के लिए तत्काल कहीं सुरक्षित जगह छिपने का संकेत होता है.

4. कैसे काम करती है एयर रेड सायरन टेक्नोलॉजी
एयर रेड सायरन के लिए भारत में किस टेक्नोलॉजी का उपयोग हो रहा है, वो स्पष्ट नहीं है. यदि ग्लोबल लेवल पर बात करें तो इसके लिए अलग-अलग देशों में अलग तरह के मैकेनिज्म मौजद हैं. कुछ जगह ये एयर पॉवर्ड सायरन होते हैं, जबकि कुछ जगह ये एडवांस्ड इलेक्ट्रोनिक मॉडल्स के जरिये काम करते हैं. एयर पॉवर्ड सायरन की आवाज बेहद तेज होती है, जो छोटे-छोटे छेद वाली घूमती हुई डिस्कों के माध्यम से हवा को प्रवाहित करके तेज ध्वनि तरंगें उत्पन्न किए जाने के कारण होती है. इसके उलट इलेक्ट्रॉनिक सायरन अपने अंदर लगे स्पीकर या हॉर्न के माध्यम से डिजिटली कंट्रोल्ड टोन्स जनरेट करते हैं. आमतौर पर मॉडर्न सिस्टम्स रेडियो फ्रीक्वेंसी से जुड़े होते हैं, जो ज्यादा व्यापक और ज्यादा प्रभावी कम्युनिकेशन पैदा करने में मदद करते हैं.

5. क्या है अलग-अलग रेड सायरन साउंड पैटर्न का मतलब
Air Raid Sirens आमतौर पर दो अलग साउंड पैटर्न का उपयोग करके अलग-अलग संदेश देते हैं. पहला तेज और उतार-चढ़ाव वाली आवाज होती है, जो 1 से 3 मिनट तक रहती है. यह अस्थिर आवाज तत्काल खतरे का अलर्ट देने के लिए होती है, जिसमें हवाई हमला, मिसाइल अटैक आदि शामिल है. इस साउंड का मतलब होता है कि लोगों को तत्काल कहीं सुरक्षित जगह छिप जाना चाहिए. दूसरी स्थिर और सपाट आवाज होती है, जो करीब 1 मिनट तक रहती है. इस साउंट पैटर्न का मतलब है कि खतरा टल गया है और लोग बाहर आकर सामान्य लाइफ शुरू कर सकते हैं.

अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से जुड़ें.

Url Title
Indian Pakistan Tension Civil Defence mock drill Will Smartphones Issue Alerts During Mock Drill what is Air Raid Siren and how it works all explained
Short Title
Mock Drill: क्या स्मार्टफोन पर मिलेगा अलर्ट? क्या होते हैं सायरन के अलग-अलग पैटर
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Mock Drill Alert
Date updated
Date published
Home Title

क्या स्मार्टफोन पर मिलेगा अलर्ट? क्या होते हैं सायरन के अलग-अलग पैटर्न, पढ़ें 5 पॉइंट्स

Word Count
984
Author Type
Author