What is Mock Drill: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तानी हाथ साबित हो चुका है. 26 निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतारने वाले आतंकी पाकिस्तान से आए थे, ये बात भी साबित हो चुकी है. इसके बाद अब बारी भारत के जवाब देने की है, जिसका डर पाकिस्तान को लगातार सता रहा है. दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है और माना जा रहा है कि किसी भी समय दोनों देश जंग में आमने-सामने उतर सकते हैं. हालांकि इस जंग को टालने के लिए दुनिया के कई देश कवायद में जुटे हुए हैं, लेकिन भारत करारा जवाब देने की घोषणा कर चुका है. ऐसे में मंगलवार को अचानक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक ऐसा आदेश जारी किया है, जिससे युद्ध के जल्द शुरू होने के संकेत मिले हैं. दरअसल 7 मई (बुधवार) को देश के 244 जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल (Civil Defence Mock Drill) कराने का आदेश दिया है. यह करीब 54 साल बाद पहला मौका है, जब इतने बड़े पैमाने पर पूरे देश में मॉक ड्रिल की जाएगी. आखिरी बार ऐसा मौका भारत-पाकिस्तान के 1971 में हुए युद्ध के समय हुआ था. हालांकि पिछले दिनों पाकिस्तान से सटे पंजाब के फिरोजपुर जिले में ब्लैकआउट कर हवाई हमले की मॉक ड्रिल की गई थी.

क्या आप जानते हैं कि मॉक ड्रिल क्या होती है, जिसे लोग युद्ध से पहले का स्टेप कह रहे हैं? चलिए हम 5 पॉइंट्स में आपको सबकुछ बताते हैं-

1. पहले जान लीजिए मॉक ड्रिल क्या है?
मॉक ड्रिल एक तरीके का आपाताकालीन अभ्यास है, जिसमें आम नागरिक हिस्सेदारी करते हैं. इसमें किसी भी इमरजेंसी कंडीशन के पैदा होने पर आम आदमी को किस तरह रिएक्ट करना है, इसका अभ्यास किया जाता है. इन इमरजेंसी कंडीशन में युद्ध के समय हवाई हमला हो सकता है. कहीं आग लगने की घटना हो सकती है, कहीं आतंकी हमला हो सकता है या भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा हो सकती है. लोगों को इनमें से कोई भी स्थिति होने पर खुद को बचाने के लिए किस तरह रिएक्ट करना है, यही मॉक ड्रिल के दौरान परखा जाता है. 

2. कैसे दी जाती है आपात स्थिति की जानकारी 
हर शहर में आपात स्थिति के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम और सायरन लगाया जाता है. यह सायरन बजाकर आने वाली आपात स्थिति के लिए अलर्ट किया जाता है. अमूमन यह सायरन दुश्मन के हवाई हमले का संकेत माना जाता है. सायरन बजते ही आम पब्लिक को तत्काल खुद को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाने होते हैं. सायरन बजाने के बाद पब्लिक एड्रेस सिस्टम से लोगों को चेतावनी दी जाती है कि किस तरह की आपात स्थिति है यानी हवाई हमला है, आग लगी है, बम थ्रेट है या भूकंप आया है. इसके हिसाब से ही कदम उठाए जाते हैं. आजकल स्मार्ट फोन के जरिये भी अलर्ट किया जाने लगा है, जैसा कि आपने मौसम के मामले में देखा होगा. आपात स्थिति में सभी स्मार्ट फोन पर इमरजेंसी अलर्ट का सायरन बजने लगे. इस तरह की भी व्यवस्था की जा रही है. 

3. क्या होता है मॉक ड्रिल का लाभ

  • मॉक ड्रिल में यह पता लग जाता है कि सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स, होम गार्ड, फायर ब्रिगेड और पुलिस के बीच कितना समन्वय है?
  • मॉक ड्रिल से यह भी पता लग जाता है कि आम नागरिक इमरजेंसी कंडीशन के लिए कितना तैयार हैं और इसे कितना गंभीरता से लेते हैं.
  • मॉक ड्रिल से यह भी पता लग जाता है कि इमरजेंसी सायरन, पब्लिक ए़ड्रेस सिस्टम आदि अन्य इक्विपमेंट सुचारू काम कर रहे हैं या नहीं.
  • मॉक ड्रिल का अलर्ट आते ही फायर ब्रिगेड, NDRF, पुलिस और मेडिकल टीमें कितनी तेजी से मौके पर पहुंचकर एक्टिव होती हैं.
  • मॉक ड्रिल में यह भी परखा जाता है कि इमरजेंसी कंडीशन में रेस्क्यू टीमें लोगों को सुरक्षित करने के लिए कितनी तैयार हैं.

4. मॉक ड्रिल में किस तरह करना होता है रिएक्शन
मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजते ही सबसे पहले आपको सुरक्षित स्थान तलाशना होता है. इसमें किसी तरह का बंकर हो सकता है या कोई अन्य मजबूत बिल्डिंग ताकि भूकंप हो या हवाई हमला, आप सुरक्षित रह सकें. यदि रात का समय होता है तो हवाई हमले की स्थिति में सायरन बजते ही घरों की लाइट गुल कर दी जाती है ताकि दुश्मन के फाइटर जेट्स सही निशाना नहीं लगा सकें. यदि आतंकी हमले की मॉक ड्रिल है तो फायरिंग से कैसे बचा जाए और खुद को सुरक्षित रखा जाए, इसकी कवायद होती है. 

5. क्या 7 मई को ब्लैकआउट होगा?
अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि 7 मई को किस समय मॉक ड्रिल की जाएगी. इसकी घोषणा बाद में की जानी है. यदि मॉक ड्रिल रात में की गई तो ब्लैक आउट होगा यानी शहर से देहात तक हर घर, हर बिल्डिंग की बिजली बंद कर दी जाएगी, लोगों को अपने इन्वर्टर और जनरेटर भी बंद करने होंगे तथा सड़कों पर स्ट्रीट लाइट भी नहीं जलेगी. यहां तक कि एक भी दीया तक नहीं जलाया जाएगा यानी सबकुछ पूरी तरह अंधेरे में डूबा होगा मानो हवाई हमला होने जा रहा है. यह कवायद रविवार को फिरोजपुर जिले के कैंटोन्मेंट इलाके में की गई थी, जिसमें रात 9 बजे से 9.30 बजे तक 30 मिनट ब्लैकआउट रखा गया था. इस दौरान जाहिर तौर पर आप सड़कों पर गाड़ी भी नहीं चला सकते, क्योंकि आपको उसकी लाइट जलानी होगी और ब्लैकआउट में रोशनी पर प्रतिबंध होगा. 

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मॉक ड्रिल में क्या होगा, गाड़ी चला पाएंगे या नहीं, क्या ये युद्ध से पहले का स्टे
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मॉक ड्रिल में क्या होगा, गाड़ी चला पाएंगे या नहीं, क्या ये युद्ध से पहले का स्टेप है? पढ़ें 5 पॉइंट्स

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