डीएनए हिंदी: जेआरडी टाटा (JRD Tata) का नाम तो आप सब ने सुना ही होगा और नहीं सुना तो आज हम आपको इनके बारे बताएंगे. ये भारत के उन उद्योगपतियों में से एक हैं. जिन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दिया है. इन्हें टाटा समूह (TATA Group) के चेयरमैन के साथ-साथ भारत को पहला एयरलाइन (Airlines) देने के तौर पर भी पहचाना जाता है. बता दें कि जेआरडी ने अपने कार्यकाल के दौरान टाटा ग्रुप की 14 नई कंपनियों की स्थापना की थी. इनमें से कुछ कंपनियां जैसे कि टाटा मोटर्स (Tata Motors), टाटा केमिकल (Tata Chemicals), टाटा कंसल्टेंसी सर्विस (TCS) और टाइटन (Titan) आदि हैं. लेकिन इनकी सबसे पसंदीदा कंपनी टाटा एयरलाइंस (Tata Airlines) थी. इनका जन्म 29 जुलाई 1904 को पेरिस, फ्रांस में हुआ था.
भारत की पहली एयरलाइन का इतिहास
जेआरटी टाटा ने एयरलाइन (Tata Airline) की स्थापना वर्ष 1932 में की थी. इसके अलावा ये खुद विमान को कराची से बम्बई तक उड़ाए थे. इसमें सबसे दिलचस्प बात ये है कि इस विमान में यात्रियों के बदले 25 किलो चिट्ठियां रखी गई थी. देश के आजादी के समय यानी वर्ष 1949 में टाटा एयरलाइंस को प्राइवेट कंपनी बना दिया गया. इसके बाद इस एयरलाइन का नाम बदलकर एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया. सरकार ने आजादी के बाद एयरलाइन की लगभग 49% हिस्सेदारी खरीद ली. इसके बाद सरकार ने वर्ष 1954 में दो कंपनियां स्थापित की. इसमें 9 छोटी एयरलाइंस को मिलाकर घरेलू सेवा के लिए इंडियन एयरलाइंस और विदेशों के लिए एयर इंडिया बनाया गया. लेकिन जब एयरलाइंस की कमान सरकार के हाथों में चली गई तब जेआरडी टाटा को झटका लगा. हालांकि, तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने JRD Tata को एयर इंडिया का अध्यक्ष बनाया था. इसके बाद जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं तब भी उन्होंने JRD Tata को ही एयर इंडिया का अध्यक्ष बने रहने दिया. लेकिन इसके बाद स्थितियों में बदलाव देखने को मिला.
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क्यों होना पड़ा JRD Tata को अपमानित
1977 में जब मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बनें. इसके बाद इन्होंने जेआरडी टाटा को एयर इंडिया से अपमानित कर बर्खास्त कर दिया.दरअसल जनवरी 1978 में एयर इंडिया का एक विमान पायलट की गलती से दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. लेकिन एक महीने बाद मोरारजी सरकार ने जेआरडी टाटा की गलती मानते हुए उन्हें एयर इंडिया के चेयरमैन पद से हटा दिया. यहां तक की उन्हें हटाए जाने की खबर भी ऑल इंडिया रेडियो से प्रसारण करके दिया गया था. उस समय लोगों ने सरकार के इस फैसले पर बहुत विरोध भी किया था.
पत्र में जाहिर किया नाराजगी
चेयरमैन पद से हटाए जाने के 6 दिन बाद जेआरडी टाटा को प्रधानमंत्री की एक चिट्ठी मिली. जिसमें लिखा था कि ये फैसला कुछ बदलावों के लिए किया गया है. इसके बाद जेआरडी ने इस पत्र का जवाब दिया जिसमें उन्होनें अपनी नाराजगी और गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने खत लिखा की उन्हें एयरइंडिया से निकालने का तरीका बहुत गलत था.
JRD Tata ने 33 सोलों तक बिना सैलरी के काम किया
बता दें कि जेआरडी टाटा ने एयर इंडिया के चेयरमैन के पद पर जब तक कार्यरत रहे, उन्होंने सरकार से सैलरी के रूप में एक पैसा भी नहीं लिया. उन्होंने बिना सैलरी के ही एयर इंडिया को संभाले रखा. इसके बाद भी जब उन्हें बिना किसी वजह के अचानक एयर इंडिया से हटाया गया, तब लंदन के डेली टेलीग्राफ अखबार (Daily Telegraph dated February 27, 1978) ने खबर छापी गई की-'अनपेड एयर इंडिया चीफ इज सैक्ड बाई देसाई' (“Unpaid Air India Chief is Sacked by Desai).
खत लिखकर इंदिरा गांधी ने मांगी माफी
जब इंदिरा गांधी को मोरारजी देसाई सरकार के फैसले के बारे में पता चला, तब इंदिरा ने दुख के साथ जेआरडी टाटा को एक पत्र लिखा. साल 1978 के इस खत में इंदिरा ने टाटा के काम की तारीफ की थी. JRD Tata ने जब इंदिरा का पत्र पढ़ा तब वह बहुत भावुक हो गए. इंदिरा के द्वारा उस पत्र में लिखा गया था कि हमें आप पर और आपकी एयरलाइन पर पूरे भरोसे के साथ-साथ गर्व भी है. इसके अलावा आप एयर इंडिया के चेयरमैन ही नहीं बल्कि उसके जनक और पालक भी हैं. आपका एयर इंडिया से जिस तरीके का भावनात्मक जुड़ाव है वह सबको दिखाई देता है. आपने पूरी दुनिया में एयर इंडिया को प्रसिद्धी दिलाई है. आपके इस कार्य के लिए भारत हमेशा आपका आभारी रहेगा. इसके बाद जेआरडी टाटा ने इंदिरा को पत्र लिखकर आभार व्यक्त किया.
फिर से मिली एयरइंडिया की जिम्मेदारी
इसके बाद साल 1980 में इंदिरा गांधी जैसे ही सत्ता में वापस आई सबसे पहले उन्होंने जेआरडी टाटा को एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के बोर्ड में वापसी करा ली और टाटा को फिर से एयर इंडिया का चेयरमैन नियुक्त कर दिया गया. इसके बाद टाटा नें भी इन दोनों कंपनियों को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाने में कोई कमी नहीं छोड़ी.
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आखिर क्यों इंदिरा गांधी ने JRD Tata से खत लिखकर मांगी थी माफी?