डीएनए हिंदी: हाल ही के वर्षों में देश में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का इस्तेमाल बढ़ा है. भारतीय रिज़र्व बैंक के डेटा से पता चलता है कि क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट के मामलों में भी बढ़ोतरी होने लगी है. आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल मार्च तक क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट 4,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. इन आंकड़ों की तुलना अगर एक साल पहले पहले के आंकड़ों से करें तो इसमें करीब 2% की बढ़ोतरी हुई है.
संसद तक पहुंची बात
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल आज काफी ज्यादा लोग कर रहे हैं. इसके अलावा, लोग खरीदारी के लिए काफी क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने लगे हैं. यही नहीं क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट में भी वृद्धि हुई है. 31 मार्च, 2022 तक देश में क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट कुल 3,122 करोड़ रुपये था. 31 मार्च, 2023 तक यह बढ़कर 4,072 करोड़ रुपये हो गया. यह आंकड़ा क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट में करीब 1.94% की बढ़ोतरी को दर्शाता है. मंगलवार को सांसदों के सामने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने यह जानकारी दी.
राज्य के वित्त मंत्री ने क्या कहा?
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में इस बात पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि क्रेडिट कार्ड पर ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग असेट्स (GNPA) बढ़ रही हैं और उन्होंने अपने दावे का समर्थन करने के लिए आरबीआई डेटा सामने रखा. RBI डेटा के अनुसार पिछले साल मार्च में कार्ड डिफॉल्ट 3,122 करोड़ रुपये था. इस साल मार्च के अंत में यह बढ़कर 4,072 करोड़ रुपये हो गया. इसके अलावा क्रेडिट कार्ड की आउटस्टेंडिंग में भी बढ़ोतरी हुई है. मार्च 2022 में यह 1.64 लाख करोड़ रुपये थी और मार्च 2023 में बढ़कर 2.10 लाख करोड़ रुपये हो गई.
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क्रेडिट कार्ड पर GNPA फिर से बढ़ना शुरू
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड के मुताबिक, क्रेडिट कार्ड का जीएनपीए एक बार फिर से बढ़ना शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि मार्च 2021 में यह 3.56 प्रतिशत रहा. मार्च 2022 में यह घटकर 1.91 प्रतिशत हो गया था पर मार्च 2023 में यह बढ़कर 1.94 प्रतिशत हो गया. हालांकि इसी तारीख में शिड्यूल्ड कामर्शियल बैंकों का GNPA 3.87% था.
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सहकारी बैंकों में बढ़ने लगी धोखाधड़ी
अपनी स्पीच के दौरान एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, कराड ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-2023 के दौरान सहकारी बैंकों में धोखाधड़ी की घटनाओं में वृद्धि हुई है. इस दौरान सहकारी बैंकों ने कुल मिलाकर 964 धोखाधड़ी की सूचनाएं दी. इसमें कुल 791.40 करोड़ रुपये की राशि शामिल थी. इससे पहले वर्ष 2021-2022 के दौरान इन बैंकों में 536.59 करोड़ रुपये की कुल 729 धोखाधड़ी हुई थीं. इस फैक्ट के बावजूद कि सहकारी बैंकों ने 2020-2021 में धोखाधड़ी के कुल 438 मामले दर्ज किए, इसमें शामिल कुल राशि 1,985.79 करोड़ रुपये थी. उन्होंने दावा किया कि फिलहाल, सभी सहकारी बैंकों को समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी नियमों का पालन करना होगा.
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