डीएनए हिंदी: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने इंस्टेंट लोन देने वाली कंपनियों के खिलाफ एक्शन लेते हुए छापेमारी की है. इस मामले में जांच के तहत ईडी ने रेजरपे, पेटीएम और कैशफ्री (Razorpay, Paytm & Cashfree) जैसे ऑनलाइन भुगतान गेटवे के बेंगलुरु स्थित ठिकानों पर छापेमारी की है जो अभी तक जारी है. ईडी ने अपने बयान में कहा है कि इस मामले में कंपनियों से जरूरी दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं.
इसके साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि उसने छापे के दौरान "व्यापारी आईडी और इन चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित संस्थाओं के बैंक खातों" में रखे गए 17 करोड़ रुपये के धन को जब्त कर लिया है. इन संस्थाओं की कार्यप्रणाली यह है कि वे भारतीयों के जाली दस्तावेजों का उपयोग करते हैं और उन्हें डमी निदेशक बनाते हैं जिससे इंटरनेट पर जालसाजी और अपराध को बढ़ावा मिलता है. इन कंपनियों का सीधा संबंध चीन से भी है.
GDP Growth: भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, ब्रिटेन को छोड़ा पीछे
ईडी ने कहा, "यह पता चला है कि उक्त संस्थाएं भुगतान गेटवे, बैंकों के पास विभिन्न मर्चेंट आईडी, खातों के माध्यम से अपना संदिग्ध, अवैध व्यवसाय कर रही थीं. " ईडी ने कहा, "रेजरपे प्राइवेट लिमिटेड, कैशफ्री पेमेंट्स, पेटीएम पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड और चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित और संचालित होती है. इन सभी के परिसरों में तलाशी अभियान चलाया गया है."
ईडी ने कहा कि उसका मनी लॉन्ड्रिंग का यह केस बेंगलुरु पुलिस की साइबर क्राइम स्टेशन द्वारा दर्ज 18 FIR के आधार पर दर्ज है. ये कंपनियां लोगों को लोन देने के बाद परेशान करती हैं और इनके दस्तावेजों का गलत तरीके से इस्तेमाल कर साइबर अपराध को बढ़ावा देती हैं.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर
- Log in to post comments
Instant Loan मामले में बुरी फंसीं पेटीएम, कैशफ्री और रेजरपे जैसी कंपनियां, ED ने बेंगलुरु में की छापेमारी