भारतीय सिनेमा में बदली स्त्री की छवि, पुरुषों को चुनौती दे रहे हैं अब महिलाओं के किरदार

अधिकतर हिंदी फिल्मों में स्त्री को आदर्शवादी और ममतामयी मां, बहन, भाभी, पुत्री, पत्नी और प्रेमिका के रूप में ही अधिक चित्रित किया जाता रहा है जो विद्रोह भी करती है तो क्षण भर के लिए.  

सिनेमा का है शिक्षा औऱ साहित्य से गहरा कनेक्शन, जानें कैसी रही है साहित्य और सिनेमा की केमिस्ट्री

हर दिन अविष्कार हो रहे हैं. हर अविष्कार का असर समाज और सिनेमा पर भी पड़ रहा है. इस तरह से देखें तो पता चलता है कि समाज और सिनेमा हर दिन बदल रहा है

सुरेखा सीकरी- अभिनय की ऐसी दमदार छवि, जिसे भुला पाना मुश्किल है

19 अप्रैल 1945 को जन्मी सुरेखा सीकरी की उच्च शिक्षा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से हुई जबकि उनका बचपन नैनीताल और अल्मोड़ा में बीता.