हम मन को खुश रखना जानते हैं. कम संसाधनों में भी बेहतर जीवन जीने की सारी कलाओं से हम वाकिफ़ हैं. हम बस्तरियों को पता है असली स्वाद के लिए बहुत ताम-झाम करने की जरूरत नहीं बल्कि जो जैसा है उसे उसी रूप में पकाया व खाया जाए.

'चापड़ा' की चटनी की तरह 'चाउर भाजा' हमारा पसंदीदा व्यंजन है. इस व्यंजन में चिकन को कम मसालों के साथ पकाकर उसमें चावल मिला दिया जाता है. चावल को पहले से ही पानी में भिगोकर रखा जाता है ताकि वह चिकन के साथ- साथ पक जाए. इस 'चाउर भाजा' का स्वाद चूल्हे की आग में दुगुना हो जाता है.

यह बिरयानी की तरह ही होता है पर स्वाद में  बिरयानी से बिल्कुल अलग, थोड़ा गीला, थोड़ा  तीखा, बहुत चटपटा. हल्का- फुल्का, स्वादिष्ट 'चाउर भाजा' इन दिनों सबकी पहली पसंद है, यह 'चाउर भाजा' नानगुर (छोटे कवाली) के होमस्टे में खाने को मिला, इसे दोस्त यश की मम्मी ने बहुत ही प्यार से हमारे लिए बनाया था, यकीन मानिए इससे अच्छा स्वाद मैंने नहीं चखा कभी. मन खुश हुआ, मुंह का स्वाद बदल गया.कभी आना हुआ बस्तर तो यहां जरूर आइए.

#कांगेर‌वैली #बस्तर

(पूनम वासम कवि हैं. वे बस्तर में रहती हैं और बस्तर की ज़िंदगी पर लिखती रहती हैं.)

(यहां प्रकाशित विचार लेखक के नितांत निजी विचार हैं. यह आवश्यक नहीं कि डीएनए हिन्दी इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे और आपत्ति के लिए केवल लेखक ज़िम्मेदार है.)

क्या आप Baba Nagarjun की पत्नी अपराजिता देवी को जानते हैं?

 

 

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food of bastar by poetess poonam wasam
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Indian Foods: 'चाउर भाजा' बस्तर की देशी बिरयानी
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Hindi
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