कैथोलिक चर्च प्रमुख पोप फ्रांसिस का आज यानी 21 अप्रैल सोमवार की सुबह वेटिकन सिटी में निधन हो गया. बताया जा रहा है कि लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उन्होंने एक दिन पहले ही अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मुलाकात की थी. जैसे ही पोप फ्रांसिस के मरने की खबर सामने आई हैं दुनिया भर के 1.4 अरब कैथोलिक शोक में डूब गए हैं. वह पिछले 1 हफ्ते से ब्रोंकाइटिस से पीड़ित थे उन्हें 14 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनकी हालत और खराब होती गई और अंत में वह जिंदगी की जंग हार गए.
ईसाईयों के सबसे बडे़ धर्मगुरू
पोप फ्रांसिस ईसाईयों के सबसे बडे़ धर्मगुरू थे. पोप फ्रांसिस पहले लैटिन अमेरिकी धर्मगुरू थे, जो पोप के पद पर पहुंचे. उन्हें पोप की उपाधि से साल 2013 में सम्मानित किया गया था. उन्होंने अपने 12 साल के पोप के कार्यकाल में कई अहम कार्य किए जो धर्म और समाज के कल्याण के लिए थे. पोप की उपाधि पाने वाले पोप फ्रांसिस पहले जेसुइट थे. इनका जन्म 17 दिसंबर 1936 में अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में हुआ था.
फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में किया काम
पोप फ्रांसिस का असली नाम जोर्गे मारियो बर्गोलियो था, धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ने से पहले वह केमिकल टेक्निशियन थे इतना ही नहीं फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी पोप फ्रांसिस ने लंबे समय तक काम किया था. जब वह फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में काम कर रहे थे तभी उनका झुकाव धर्म की तरफ हुआ था. इसके बाद फिर उन्होंने नौकरी छोड़कर धर्म के रास्ता अपनाया. जब पोप 21 साल के थे, तो वे न्यूमोनिया से पीड़ित हो गए, इसके चलते उनके फेफड़े का एक हिस्सा भी निकालना पड़ा.
साल 1958 में वे ईसाई धर्म की एक परंपरा जेसुइट से जुड़ गए और धार्मिक शिक्षा देना शुरू कर दिया. साल 1969 में वे पादरी बने. पोप फ्रांसिस ने बतौर पोप रहते हुए 4 धार्मिक दस्तावेज लिखे. इस दौरान उन्होंने 65 देशों का दौरा किया और 900 से ज्यादा संत बनाए.
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से जुड़ें.
- Log in to post comments

who is pope francis
कौन थे कैथोलिक चर्च प्रमुख पोप फ्रांसिस, 88 की उम्र में ली आखिरी सांस, अब कौन होगा उत्तराधिकारी