Russia Ukraine War: पिछले दो सालों से भी ज्यादा समय से चल रहे रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Russia Ukraine War) थमने का नाम नहीं ले रही है. इसी क्रम में रूस ने पहली बार यूक्रेन पर इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का इस्तेमाल किया है. यह मिसाइल अस्त्रखान क्षेत्र से दागी गई और इसका लक्ष्य यूक्रेन का निप्रो शहर था. यूक्रेनी वायु सेना ने पुष्टि की है कि यह हमला गुरुवार सुबह हुआ और इसका उद्देश्य यूक्रेन के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाना था.
आईसीबीएम (ICBM) को आमतौर पर परमाणु हथियार ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन इसे पारंपरिक (गैर-परमाणु) वारहेड के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है. यह पहली बार है जब रूस ने यूक्रेन युद्ध में इस तरह के शक्तिशाली और लंबी दूरी की मिसाइल का प्रयोग किया है. यह घटना रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा परमाणु सिद्धांत में बदलाव के ठीक बाद सामने आई है.
अमेरिका और ब्रिटेन की मदद से भड़का रूस
हाल ही में अमेरिका और ब्रिटेन ने यूक्रेन को लंबी दूरी की क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलें प्रदान करने की अनुमति दी थी. इन हथियारों में अमेरिका का ATACMS और ब्रिटेन का 'स्टॉर्म शैडो' मिसाइल शामिल है. इसके बाद यूक्रेन ने रूसी ठिकानों पर इन हथियारों का इस्तेमाल किया. दरअसल, यूक्रेन द्वारा किए गए इस हमले के बाद इस बात का अंदेशा लगाया जा रहा था कि रूस की तरफ से इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा. रक्षा मामलों के जानकारों के अनुसार, आईसीबीएम से हमला पश्चिमी देशों और यूक्रेन के लिए एक स्पष्ट चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है.
अमेरिका ने बदली बारूदी सुरंग नीति
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने हाल ही में अमेरिका द्वारा एंटी-पर्सनल बारूदी सुरंगों की आपूर्ति को लेकर आभार व्यक्त किया था. ज़ेलेंस्की ने इसे रूस के बढ़ते हमलों को रोकने के लिए आवश्यक बताया है. अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि इस नीति में बदलाव रूस की नई युद्ध रणनीति का सामना करने के लिए किया गया है.
रूस ने चुप्पी साधी
आईसीबीएम हमले के सवाल पर रूस ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. क्रेमलिन के प्रेस सचिव दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि उनके पास इस मुद्दे पर कहने के लिए कुछ नहीं है.
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1000 दिन में युद्ध का सबसे बड़ा मोड़
इस हमले के साथ, यूक्रेन युद्ध अपने 1000वें दिन पर सबसे खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है. यह स्पष्ट है कि रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव अपने चरम पर है. विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना आने वाले दिनों में संघर्ष को और बढ़ा सकती है.
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