Raj Babbar को सरकारी कर्मचारी से हाथापाई पर मिली है सजा, आप भी फंस सकते हैं, जानिए क्या कहता है कानून

सरकारी कार्यालयों में हंगामा और मारपीट की घटनाएं बढ़ रही हैं. खासतौर पर राजनेताओं का सरकारी कर्मचारियों से दुर्व्यवहार करना आम बात हो गई है, लेकिन ऐसा करने पर सजा भी भुगतनी पड़ सकती है.

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राजद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया का बड़ा फैसला आया है, जहां कोर्ट ने राजद्रोह कानून के इस्तेमाल पर केंद्र को पुनर्विचार करने का आदेश दिया है.

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भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर किया है.जिसमें केंद्र सरकार ने राजद्रोह के कानून का बचाव किया है.केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि केदारनाथ सिंह बनाम बिहार सरकार मामले में आया फैसला बहुआयामी है.साल 1962 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने केदारनाथ सिंह बनाम बिहार सरकार के मामले में राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा था.फिलहाल केंद्र सरकार ने कहा है कि इस अच्छे कानून पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है, फिर भी अगर इस पर आगे सुनवाई होती है. तो ये मामला बड़ी बेंच के पास जाना चाहिए.