Pitru Paksha 2022: गया में रेत (बालू) का भी किया जाता है पिंडदान, जानें क्या है महत्व
गया में भगवान राम ने माता सीता के साथ मिल कर अपने पिता दशरथ के लिए पिंडदान किया किया था. गया में बालू का भी पिंडदान किया जाता है. जानें क्यों
Pitru Paksha 2022: गया जाकर करने वाले हैं पिंडदान तो ज़रूर घूमें इन जगहों पर, जिला प्रशासन का ऐप करेगा मदद
गया में पिंडदान करने के लिए पितृपक्ष में प्रतिवर्ष लोगों आतें हैं. अगर आप भी पिंडदान के लिए गया आ रहें हैं तो गया प्रशासन द्वारा लॉन्च किए गए इस ऐप को जरूर जान लें.
Pitru Paksha 2022 Pind Daan: केवल गया में ही नहीं किया जाता है पिंड दान, इन जगहों का भी है उतना ही महत्व
पितृपक्ष के अवसर पर पितरों की आत्मा के शांति के लिए पिंडदान किया जाता है. इस पक्ष में पिंडदान करने से पितरों की आत्मा प्रसन्न होती है. पितृपक्ष में पिंडदान करने के लिए यूं तो कई पवित्र स्थान हैं जहां पिंडदान किया जाता है लेकिन इन जगहों पर पिंडदान करने का विशेष महत्व है.
Pitru Paksha 2022 : 10 सितम्बर से शुरू हो रहा है पितृ पक्ष, ऐसे करें पिंडदान तो मुक्त होंगे पितर
Pitru Paksha 2022 : पितृपक्ष 10 सितंबर से शुरू हो रहा है और इसका विसर्जन 25 सितंबर को किया जाएगा. पितृपक्ष में पिंड दान करने से व्यक्ति के अपने पूर्वजों के ऋण से मुक्त हो जाता है. यहां पढ़ें कैसे बनाया जाता है पिंड और क्या है इसका महत्व.