Independence Day 2022: 1991 में जब पैर छूकर ले ली गई देश के प्रधानमंत्री की जान

साल 1991…तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में चुनावी रैली चल रही थी. उसी रैली में एक महिला आत्मघाती हमलावर के विस्फोट में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. इस हत्या की जिम्मेदारी श्रीलंका में सक्रिय आतंकी संगठन लिट्टे ने ली थी. राजीव गांधी ने न सिर्फ जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की राजनीतिक विरासत को संभाला, बल्कि देश को तकनीक व वैश्विक बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए भी अनेक काम किए

Independence Day 2022: 1992 में जब 4000 करोड़ के इस घोटाले से हिल गया था देश

साल 1992 financial sector में देश के सबसे बड़े घोटाले का चश्मदीद बना. जिसने 90 के दशक में वित्तीय बाज़ार हिला कर रख दिया. ये घोटाला करीब 4000 करोड़ रुपये का था. इस घोटाले का ज़िम्मेदार था हर्षद मेहता. मेहता का नाम वित्तीय जगत में ऐसा उछला कि 2020 में उसकी ज़िंदगी पर पूरी वेब सीरीज़ बन गई जो काफी पॉपुलर हुई. इसके बाद ही शेयर मार्केट में गड़बड़ी रोकने के लिए SEBI यानी Securities and Exchange Board of India का गठन हुआ

Video: 1989 में क्रिकेट के 'भगवान' की हुई जब फील्ड में एंट्री

भारत में इन्हें भगवान का दर्जा दिया जाता है. तो बता दें कि ये वहीं साल है जब सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्‍तान के खिलाफ 15 नवंबर 1989 को पहला टेस्‍ट खेला. सचिन तेंदुलकर भारत की तरफ से टेस्‍ट क्रिकेट में डेब्‍यू करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने थे और यह रिकॉर्ड अब तक कायम है

Video: Independence Day 2022- 1988 में 34 साल बाद भारत के प्रधानमंत्री ने चीन की धरती पर रखा कदम

ये वो साल था जब जवाहर लाल नेहरू के चीन दौरे के 34 साल बाद भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने चीन का दौरा किया. कहा जाता है कि इस दौरे ने भारत-चीन के बीच ice-breaker का काम किया. और कई साल बाद दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर होने लगे. इस दौरे में भारत और चीन के नेताओं ने दोनों देशों के बीच शांति बनाए रखने का वादा किया

Video: Independence Day 2022- इस समझौते से पड़ी राजीव गांधी की हत्या की नींव

ये साल 1987 था जब भारतीय शांति सेना ने श्रीलंका में जाफना को लिट्टे के कब्जे से मुक्त कराने के लिए ऑपरेशन पवन शुरू किया था। इसकी पृष्ठभूमि में भारत और श्रीलंका के बीच 29 जुलाई 1987 को हुआ वह शांति समझौता था, जिसमें भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति जयवद्धने ने हस्ताक्षर किए थे

Video: जब 1986 में पर्यावरण को बचाने के लिए उठाया गया ये कदम

साल था 1986, भोपाल गैस त्रासदी को दो साल हो गए थे लेकिन जख्म अभी भी ताज़ा थे, लिहाज़ा पर्यावरण को लेकर सरकारें गंभीर हो चुकी थीं. प्रयास जारी थे, और इसी कड़ी में संसद में पास हुआ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम. 19 नवंबर 1986 को Environment Protection Act लागू हो गई, जिसके जरिए देश में पर्यावरण के संरक्षण के लिए कई अहम कदम उठाए गए.