JNUSU Election Ruselt: प्रेसिडेंट बने AISA के नीतीश कुमार, कही ये बड़ी बात
दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष पद पर AISA-DSF गठबंधन के नीतीश ने जीत हासिल की और दूसरे नंबर पर ABVP की शिखा रही हैं. जेएनयू के उपाध्यक्ष पद पर आईसा-डीएसएफ गठबंधन की मनीषा ने जीत हासिल की है, जबकि एबीवीपी की नीतू काफी पीछे रह गईं. महासचिव पद AISA-DSF की उम्मीदवार मुंतेहा ने जीता, जबकि ABVP के कुणाल राय पिछड़ गए. संयुक्त सचिव पद पर ABVP के वैभव ने जीत हासिल की, जबकि AISA-DSF के नरेश पीछे रह गए. बता दें कि पिछले साल जेएनयू के चारों पदों पर वामपंथी संगठनों की जीत हुई थी. प्रेसिडेंट बने नीतीश कुमार ने जेएनयू के इन्फ्रास्ट्रकचर को ठीक करने की बात कही.
JNUSU Election Ruselt: जीत के बाद एबीवीपी के वैभव मीणा ने कहा 'इस बार एक सीट, अगली बार चारों'
दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के संयुक्त सचिव पद पर ABVP के वैभव मीणा चुने गए हैं. बता दें कि पिछले साल जेएनयू के चारों पदों पर वामपंथी संगठनों की जीत हुई थी. संयुक्त सचिव चुने जाने के बाद वैभव मीणा ने कहा कि जेएनयू में परिषद की एंट्री हो चुकी है. जिस तरह से काउंसलर के पदों पर एबीवीपी की जीत हुई है, उसके बाद यह कहा जा सकता है कि जेएनयू के चारों पदों पर जल्द ही परिषद का कब्जा होगा.
Delhi Vidhan Sabha Election: Arvind Kejriwal का Report Card! | AAP | BJP | Congress | Delhi Election
विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले दिल्ली का राजनीतिक तापमान बढ़ रहा है, जिसमें सभी 70 सीटों पर जीत होनी है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने का लक्ष्य लेकर गरीबों को मुफ्त पानी और बिजली उपलब्ध कराने के अपने रिकॉर्ड पर अभियान चला रही है। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विवादास्पद शराब नीति, अधूरे वादों और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर आप की आलोचना कर रही है। दूसरी ओर, कांग्रेस वापसी की कोशिश में है.
Delhi Assembly Elections: केजरीवाल नहीं तो कौन? Elections Prediction | AAP vs BJP | AAP vs Congress
गरमा चुकी है दिल्ली की सियासी लड़ाई! चुनौतियों का सामना करने के साथ अरविंद केजरीवाल के लिए बड़ा सवाल बना हुआ है - अगर वे नहीं, तो कौन? AAP, BJP और Congress ने तो अपनी ओर से चुनाव जीतने के लिए पूरा जोर लगा दिया. लेकिन इनके जोर का असर वोटरों पर कितना पड़ा यह जानने के लिए DNA की टीम सड़कों पर उतरी. क्या AAP अपना गढ़ बरकरार रख पाएगी या दिल्ली बदलाव के लिए तैयार है? देखें कि दिल्ली की जनता इस चुनाव को लेकर क्या सोच रही है.