क्या दोषियों को फिर जाना होना जेल? Detail में जानें Supreme Court का फैसला
Bilkis Bano Gange Rape Case में Life Imprisonment की सजा पाने वाले 11 लोगों को 15 अगस्त 2023 को गोधरा जेल से रिहा कर दिया गया था. इन 11 लोगों की रिहाई के बाद देशभर में इसका खूब विरोध भी देखने को मिला. आज Supreme Court ने दोषियों को रिहा करने के Gujarat Government के फैसले रद्द कर दिया है. Justices BV Nagarathna and Ujjal Bhuyan की बेंच ने कहा कि सजा अपराध रोकने के लिए दी जाती है. आगे कहा कि Gujarat Government को रिहाई का फैसला लेने का अधिकार नहीं है. वो दोषियों को कैसे माफ कर सकती है. सुनवाई महाराष्ट्र में हुई है तो इसका पूरा अधिकार वहां की राज्य सरकार को है क्योंकि जिस राज्य में किसी अपराधी का मुकदमा चलाया जाता है और सजा सुनाई जाती है, उसी को दोषियों की माफी याचिका पर फैसला लेने का अधिकार है.
Bilkis Bano Case: गुजरात सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने फटकारा, पूछा 'बिलकिस केस में रिहाई से क्या संदेश दिया?'
Supreme Court News: बिलकिस बानो के साथ गुजरात दंगे-2002 के दौरान गैंग रेप किया गया था. इसके दोषियों को सजा मिली थी, लेकिन पिछले साल गुजरात सरकार ने सभी दोषियों को आम माफी देते हुए रिहा कर दिया था. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी.
गुजरात में सरकारी कार्यक्रम में बीजेपी नेताओं के साथ मंच पर बैठे बिलकिस बानो के बलात्कारी, बढ़ा विवाद
Bilkis Bano Gangrape Case: गुजरात में एक सरकारी कार्यक्रम के मंच पर बिलकिस बानो गैंगरेप केस के दोषियों के आने के बाद हंगामा मच गया है.
Gujarat Riots 2002: बिलकिस बानो की रिव्यू पिटीशन सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर की थी याचिका
बिलकिस बानो ने साल 2002 में उसके साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के लिए ठहराए गए 11 दोषियों की रिहाई को चुनौती दी थी.
Gujarat Elections 2022: योगी-योगी के शोर में खो गए गोधरा के 'किंग', सुर्खियों में रहने के हैं पुराने एक्सपर्ट
बिलकिस बानो गैंगरेप के दोषियों की सजा माफ कराने की कवायद में गोधरा विधायक सीके राउलजी भी शामिल थे. वह गोधरा सीट से 6 बार के विधायक हैं.
Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा, बिलकिस बानो केस में गुजरात सरकार का जवाब बोझिल है?
बिलकिस बानो केस में दोषियों की जल्द रिहाई को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से इस मामले में जवाब मांगा था.