Ghalib ki Haveli : गुलज़ार ने मुझे ग़ालिब का पता दिया

जब से हवेली जाने का ख़याल आया था तभी से मन में गुलज़ार की ग़ालिब पर लिखी नज़्म किसी रिकॉर्ड की तरह चलने लगी थी.