रिटायरमेंट के बाद भी मुफ्त में क्लास लेते थे अंजनी श्रीवास्तव, कहते थे-पढ़ाऊंगा नहीं तो मर जाऊंगा: फारूक अली
79 वर्षीय अंजनी कैंसर से पीड़ित थे. उन्हें तीन बार कैंसर रह चुका है फिर भी कभी बीमारी के आगे हार नहीं मानी. हफ्ते में तीन से चार दिन विभाग जाकर मुफ्त में कक्षा लेना उनका रूटीन था.