Taj Mahal case: महंत परमहंस दास को ताजमहल में एंट्री मिले या नहीं? हाईकोर्ट में सुनवाई आज
Taj Mahal case: ताजमहल में एंट्री के मामले में महंत परमहंस दास की याचिका पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.
UP Elections के समय दंगे वाली भीड़ में था शामिल, कोर्ट ने दी लोगों को शरबत पिलाने की सजा
Allahabad High Court: दो पक्षों की हिंसा के दौरान भीड़ में शामिल एक शख्स को हाई कोर्ट ने सजा दी है कि वह एक हफ्ते तक लोगों को शरबत पिलाए.
Taj Mahal विवाद: याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट ने फटकारा- पहले जानकारी जुटाओ, पीएचडी करो, फिर आना
Taj Mahal News: ताज महल बना तेजोमहालय विवाद में हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाते हुए कहा है कि जनहित याचिका का दुरुपयोग न करें.
Video : डीएनए हिंदी पूरी बात में जानिए ताजमहल के 22 कमरों के रहस्य के बारे में
ताजमहल को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर की गई है. इसमें ताजमहल के 22 कमरे खोले जाने के लिए कहा गया है, ताकि पता चल सके कि कमरों के अंदर देवी-देवताओं की मूर्तियां और शिलालेख हैं या नहीं. डीएनए हिंदी पूरी बात में यहीं जानेंगे कि क्या है ताजमहल के 22 कमरों का रहस्य.
Azam Khan Bail: हाई कोर्ट से जमानत तो मिली लेकिन अभी क्यों नहीं छूटेंगे सपा नेता?
Azam Khan Bail एसपी विधायक को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बेल मिल गई है लेकिन फिलहाल उन्हें जेल में ही रहना होगा. 87 में से 86 मामलो में जमानत मिल गई है.
Taj Mahal के 22 बंद कमरों को खोलकर सामने लाया जाए सच ! हाईकोर्ट में दी गई याचिका
बीजेपी के मीडिया इंचार्ज और अयोध्या निवासी डॉ. रजनीश सिंह ने यह याचिका दाखिल की है. इसमें जांच के लिए कमेठी गठित करने की मांग भी की गई है.
Video: Allahabad High Court ने Loudspeaker विवाद पर सुनाया फैसला
लाउडस्पीकर विवाद के बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला आया है, न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला और न्यायमूर्ति विकास की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता इरफान की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि लाउडस्पीकर पर अजान मौलिक अधिकार नहीं है.
Allahabad High Court ने कहा- मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल मौलिक अधिकार नहीं
अदालत ने लाउडस्पीकर से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया है.
Azam Khan की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, 11 मई तक टली सुनवाई
5 महीने से आदेश लंबित होने पर Supreme Court ने सख्त टिप्पणी करते हुए इसे न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बताया है.