डीएनए हिंदीः  खानपान की गलत आदतें, तनाव, प्रदूषण, धूम्रपान, शराब का सेवन और कम फिजिकल एक्टिविटी लोगों के दिमाग और शरीर पर दबाव डाल रहे हैं. इससे लोग कम उम्र में ही कई तरह की गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. बता दें कि स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही (Benefits of Panchakarma) आपको डायबिटीज, थायराइड, हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों का मरीज बना सकती है. इसलिए समय-समय पर शरीर को डिटॉक्स करना बहुत ही जरूरी है. इसका सबसे कारगर उपाय है पंचकर्म थेरेपी. जी हां, पंचकर्म शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने का एक आयुर्वेदिक तरीका है. दरअसल, इसमें पांच (Panchakarma) प्रक्रियाएं होती हैं, जिससे शरीर से सारा विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाता है. शरीर को भीतर से स्वास्थ्य (Panchakarma Treatment) बनाए रखने के लिए इस आयुर्वेदिक चिकित्सा से बेहतर शायद ही कुछ और हो सकता है..

क्या है पंचकर्म

पंचकर्म या पंच क्रिया पांच तरह की ऐसी क्रिया जिससे शरीर स्वस्थ होता है और शरीर से सारा विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाता है. बता दें कि पंचकर्म शरीर को डिटॉक्सीफाई करने की आयुर्वेदिक चिकित्सा की सबसे पुरानी पध्दतियों में से एक है. इसमें पांच प्रक्रियाएं होती हैं, वमन, विरेचन, नस्य, रक्तमोक्षण और अनुवासनावस्ती, इन पांचों क्रियाओं का संयोजन पंचकर्म कहलाता है. ये 5 इसके मुख्‍य प्रकार हैं, लेकिन इसके उप-प्रकार भी होते हैं..

हार्ट की ब्लॉकेज को खोल देंगी ये सुगंधित छालें, धमनियों से पिघलेगा कोलेस्ट्रॉल तो चर्बीमुक्त होंगी नसें

पंचकर्म की 5 प्रकार

वमन क्रिया

वमन क्रिया में उल्टी कराकर शरीर की सफाई की जाती है. इसके बाद शरीर में जमे हुए कफ को निकालकर अहारनाल और पेट को साफ किया जाता है.

विरेचन क्रिया

विरेचन क्रिया में शरीर की आंतों को साफ किया जाता है. बता दें कि आधुनिक दौर में एनिमा लगाकर यह कार्य किया जाता है. लेकिन आयुर्वेद में प्राकृतिक तरीके से यह कार्य किया जाता है. 
 
निरूहवस्थी क्रिया

निरूहवस्थी क्रिया को निरूह बस्ति भी कहते हैं. इसमें आमाशय की शुद्धि के लिए औषधियों के क्वाथ, दूध और तेल का प्रयोग किया जाता है, इसे ही निरूह बस्ति कहते हैं. 

Nutrition Deficiency: जरा सा काम करके होती है थकान और कमजोरी? तो शरीर में हो चुकी है इन 5 चीजों की कमी

नास्या

सिर, आंख, नाक, कान और गले के रोगों में जो चिकित्सा नाक द्वारा की जाती है उसे ही नस्य या शिरोविरेचन कहा जाता है. 
 
अनुवासनावस्ती

गुदामार्ग में औषधि डालने की प्रक्रिया बस्ति कर्म कहलाती है और इसमें केवल घी, तैल या अन्य चिकनाई युक्त द्रव्यों का अधिक मात्रा में प्रयोग किया जाता है. इसे अनुवासन या 'स्नेहन बस्ति भी कहा जाता है. 

पंचकर्म के फायदे 

  • इससे लंबी और रोगरहित आयु प्राप्त होती है.
  • इससे रक्तसंचार बढ़ता है और त्वचा कांतिमय होती है. 
  • शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
  • शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी को कम कर वजन वजन घटाने में मदद करता है. 

 
इसके अलावा आर्थराइटिस, मधुमेह, तनाव, गठिया, लकवा, सिरदर्द व चिंता, एड़ी में दर्द, जोड़ों में दर्द, फटी व थकी एड़ियों में फायदा, स्मृति दोष, नेत्र रोगों, मानसिक तनाव आदि शारीरिक और मानसिक रोगों में फायदेमंद है.. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Panchakarma therapy benefits for full body detox best ayurvedic detox body treatment panchakarma ke fayde
Short Title
क्या है पंचकर्म? सैकड़ों साल पुरानी इस थेरेपी से निकल जाती है शरीर की सारी गंदगी
Article Type
Language
Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Panchakarma Treatment
Caption

क्या है पंचकर्म? सैकड़ों साल पुरानी इस थेरेपी से निकल जाती है शरीर की सारी गंदगी

Date updated
Date published
Home Title

क्या है पंचकर्म? सैकड़ों साल पुरानी इस थेरेपी से निकल जाती है शरीर की सारी गंदगी 

Word Count
557