Baz Bahadur Palace: बाज बहादुर महल, मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मांडू में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल (Tourist Destination) है. इस महल का नाम मांडू के राजा बाज बहादुर के नाम पर पड़ा, जो संगीत और कला के बड़े शौकीन थे. वो अपनी पत्नी रूपमती से बेहद प्यार करते थे. यह महल पहाड़ी की ढलान पर स्थित है. इसके आसपास का प्राकृतिक दृश्य बेहद खूबसूरत है. महल, राजपूत और मुगल स्थापत्य शैली (Architectural Style) का शानदार मिश्रण है. इसे मूल रूप (Original Form) से सुल्तान नासिरुद्दीन शाह ने 1508-09 ईस्वी (AD) में बनवाया था.
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बाज बहादुर महल मांडू के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है. ये इंदौर से लगभग 95 किलोमीटर दूर है. यहां आसानी से सड़क मार्ग (Roadways) से पहुंचा जा सकता है. महल की वास्तुकला (Architecture) में राजपूत और मुगल शैली (Style) का शानदार मेल देखने को मिलता है. इसके प्रवेश द्वार पर 40 चौड़ी सीढ़ियां हैं.
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मांडू के तीनों पुराने स्मारक (Memorial) बिना सीमेंट के बने भी मजबूती से खड़े हैं. ये स्मारक आज भी हवा की लहरों के साथ प्राचीन धरोहर (Ancient Heritage) का हिस्सा हैं. प्रकृति की गोद में बसा मांडू आज भी अपने पुराने समय की याद दिलाता है. श्रीराम मंदिर के पास बने ये स्मारक हमारे देश के गौरवशाली इतिहास की निशानी हैं.
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साल 2023-24 में ये स्मारक फिर से सुरक्षित किए गए हैं. साल 2022-23 में 31,885 लोग इन स्मारकों को देखने आए थे.
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मांडू के बाज बहादुर महल के अंदर एक खुला आंगन है. इसके बीच में एक खूबसूरत फव्वारा (Fountain) है. इसके चारों तरफ बैठक कक्ष (Sitting Area) और हॉल हैं, जो अलग काम (Purposes) जैसे जनता से मुलाकात और अधिकारियों से बैठक के लिए इस्तेमाल होते थे.
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महल की छत से, रूपमती पवेलियन और आसपास के सुंदर प्राकृतिक दृश्यों (Natural Scenery) का मनमोहक नजारा देखा जा सकता है. ये जगह राजा बाज बहादुर और रानी रूपमती की प्रेम कहानी से जुड़ी हुई है.
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बाज बहादुर महल सालभर खुला रहता है, लेकिन अक्टूबर से अप्रैल के बीच का समय सबसे अच्छा माना जाता है. इस दौरान मौसम भी सुहावना रहता है और त्योहारों की रौनक भी देखने को मिलती है.