India Pakistan Ceasefire: हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात ने युद्ध जैसे माहौल को जन्म दे दिया था. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य गतिविधियां तेज हो गई थीं. लेकिन अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ऐलान किया है कि दोनों देशों ने आपसी सहमति से तत्काल प्रभाव से गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला किया है. इस युद्धविराम के बाद राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं. जहां एक ओर बीजेपी नेता इसे भारत की जीत और सेना की वीरता का प्रमाण मान रहे हैं, वहीं विपक्षी दल इस फैसले का समर्थन करते हुए शांति की अहमियत पर जोर दे रहे हैं.
भाजपा ने बताया भारत की बड़ी जीत
जम्मू-कश्मीर भाजपा नेता रविंदर रैना ने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया और उसकी हर नापाक साजिश को नाकाम किया. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान अब घुटनों पर है और दुनिया भारत के नेतृत्व को सलाम कर रही है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा कि जैसे सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक हुई थी, वैसे ही इस बार भी तकनीकी रूप से सटीक कार्रवाई की गई.
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने किया स्वागत
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि शांति सर्वोपरि है, लेकिन देश की सम्प्रभुता से समझौता नहीं होना चाहिए. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश दिया है.
महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ने दी अलग राय
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, ऐसे में युद्ध नहीं बल्कि संवाद जरूरी है. उन्होंने कहा कि भारत को 'बड़े भाई' की भूमिका निभानी चाहिए. उमर अब्दुल्ला ने भी सीजफायर का स्वागत किया, लेकिन यह भी कहा कि अगर यह कुछ दिन पहले हुआ होता, तो जानें बच सकती थीं.
Asaduddin Owaisi ने उठाए सवाल
As long as Pakistan uses its territory for terrorism against India, there can be no permanent peace. #Ceasefire or no ceasefire we must pursue the terrorists responsible for #Pahalgam attack.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 10, 2025
I have always stood by the government & the armed forces against external aggression.…
तेजस्वी यादव और मनोज झा ने रखी मांग
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि भारत कभी युद्ध नहीं चाहता लेकिन बहादुरी से जवाब देना हमारी परंपरा है. उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी यही मांग दोहराते हुए कहा कि प्रधानमंत्री देश को पूरी जानकारी दें और एकजुट संदेश दिया जाए. भारत-पाकिस्तान के बीच हुए इस अचानक सीजफायर पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रहीं. एक ओर जहां इसे वीरता और कूटनीति की जीत कहा गया, वहीं दूसरी ओर नेताओं ने शांति और पारदर्शिता की मांग भी उठाई है.
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India Pakistan Ceasefire
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